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शहाबुद्दीन की कब्र को लेकर विवाद, रोका गया काम, बुलानी पड़ी पुलिस, जानें क्या है पूरा मामला

शहाबुद्दीन की कब्र को लेकर विवाद

बिहार के पूर्व सांसद और बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन निधन के बाद भी सुर्खियों में छाए हुए हैं। अब नया विवाद कब्र को लेकर है। दरअसल ये कब्रिस्तान दिल्ली के आईटीओ में है। कोरोना के कारण हुई मौतों के चलते शवों को दफन करने के लिए जगह की कमी हो गई है। इंतजामिया कमेटी लगातार हिदायत देती रही कि लोग कब्र को पक्का ना करें।

राजधानी दिल्ली के सबसे बड़े कब्रिस्तान में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कब्र को पक्का किया जा रहा था। कब्रिस्तान की कमेटी ने तुरंत संज्ञान लिया और इसे रुकवाने की कोशिश की, पुलिस बुलाई गई। अब निर्माण रूक गया है। आमतौर पर किसी को भी पक्की कब्र बनाने की इजाजत नहीं है, लेकिन पूर्व सांसद के लिए क्या अलग से कोई नियम है?

आपको बता दें कि पिछले महीने दिल्ली के एक अस्पताल में आरजेडी के पूर्व सांसद का निधन हो गया था। कोरोना संक्रमण के बाद उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। पुरानी दिल्ली के दिल्ली गेट स्थित जदीद कब्रिस्तान में शहाबुद्दीन के शव को दफनाया गया है। परिजन चुपके से उनकी कब्र को यादगार बनाने के लिए इसे पक्का कर रहे थे। जब इसकी जानकारी जदीद कब्रिस्तान कमेटी को मिली तो उन्होंने इसका विरोध किया। उन्होंने कब्रिस्तान में पक्कीकरण पर रोक लगा दी।

दिल्ली गेट स्थित अहले जदीद कब्रिस्तान दिल्ली का सबसे बड़ा कब्रिस्तान है। पहले और दूसरे वेव में मौतों की संख्या बढ़ने पर यहां दफनाने की जगह भी कम पड़ गई थी। केयरटेकर मोहम्मद शमीम का कहना है कि कब्रिस्तान में पक्की कब्र बनाने की साफ तौर पर मनाही है। कमेटी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण लगातार हो रही मौतों की वजह से कब्र के पक्कीकरण पर रोक लगा दी गई है। कुछ दिनों पहले शहाबुद्दीन के परिजनों ने कब्र बनाने के लिए यहां सामान लाकर रखा था। तब किसी को इसकी भनक नहीं थी। जब निर्माण शुरू हुआ तो कमेटी के सदस्यों ने शहाबुद्दीन के परिजनों से पक्की कब्र बनाने के लिए ली गई परमिशन की मांग की। परिजनों के पास परमिशन की कॉपी नहीं थी। ऐसे में कमेटी ने पक्कीकरण पर रोक लगा दी। अब 10 जून को शहाबुद्दीन के परिजन और जदीद कब्रिस्तान के सदस्यों की बैठक होनी है।