उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला के बुर्के पर बैन वाले बयान पर बवाल मच गया है। समाजवादी पार्टी ने अपनी महिला कार्यकर्तओं को आनंद शुक्ला के खिलाफ उतार दिया है। समाजवादी पार्टी ने आनंद शुक्ला के बयान का विरोध करने के बजाए बुर्का बनाम घूंघट बना दिया है। आनंद शुक्ला ने बुर्के को अमानवीय व्यवहार और कुप्रथा करार देते हुए कहा था कि देश में तीन तलाक की तर्ज पर मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी। उनके इस बयान पर अब विवाद शुरू हो गया है।उन्होंने कहा कि अनेक मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है और यह अमानवीय व्यवहार और कुप्रथा है।' उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहनते हैं और न ही इसे बढ़ावा देते हैं।
मंत्री के इस बयान पर सपा की कार्यकर्ता सुमैया राना ने कहा कि बीजेपी वाली दोमुहा सांप हैं। उन्हें जींस से भी आपत्ति होती है और बुर्के से भी। उन्होंने कहा कि बुर्का बैन की ही बात क्यों हो रही है। बैन घूंघट पर भी लगाया जाए। सुमैया ने कहा कि उनका मानना है कि बुर्का उन लोगों का सुरक्षा कवच है।
अजान को लेकर अपने बयान पर शुक्ला ने कहा कि उन्होंने आम लोगों की शिकायत पर मस्जिद में लगाए गए लाउड स्पीकर के कारण हो रही परेशानी का जिक्र करते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि तड़के चार बजे अजान शुरू हो जाती है और इसके बाद चंदे के संबंध में चार से पांच घंटे सूचना प्रसारित की जाती है। इस वजह से उन्हें पूजा-पाठ, योग, व्यायाम और शासकीय कार्य के निर्वहन में दिक्कत आती है।
मंत्री ने कहा कि आम लोग डायल 112 पर कॉल कर मस्जिद में लगाए गए ध्वनि विस्तारक यंत्र के कारण हो रही दिक्कत की सूचना दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को जो पत्र लिखा है, उस पर कार्रवाई होगी। मंत्री शुक्ला ने कहा कि अगर उनके पत्र पर कार्रवाई नहीं होती है तो वह आगे कदम उठाएंगे।