जब चक्रवात यास के स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंचे तो उन्होंने समीक्षा बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आई तो लेकिन देर से और तुरंत चली भी गई जिसके बाद सोशल मीडिया से लेकर हर जगह ममता बनर्जी के इस कदम की घोर निंदा हो रही है। विवाद को बढ़ता देख ममता बनर्जी ने ड्रामा करना शुरू कर दिया है। खुद प्रधानमंत्री की मीटिंग में देर से पहुंची और तुरंत चली गई उसके बाद उलटा ही केंद्र सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं।
ममता बनर्जी ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए इसे बंद करने की बात कही है। ममता बनर्जी ने कहा, मेरा इस तरह अपमान मत करो, बंगाल को बदनाम मत करो। मेरे सीएस, एचएस और एफएस हर समय बैठकों में भाग ले रहे हैं, वह केंद्र के लिए काम कर रहे हैं, वह राज्य की नौकरी कब करेंगे। क्या आपको नहीं लगता कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है।
I felt bad. They humiliated me by running the one-sided information circulated by PMO. When I was working, they were doing this. For the sake of people, I am ready to touch your feet. Stop this political vendetta. West Bengal CM, Mamata Banerjee pic.twitter.com/WcmKIv56nd
— ANI (@ANI) May 29, 2021
ममता बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल के लिए पीएम के पैर छूने को तैयार है। उन्होंने कहा, मुझे बुरा लगा। PMO द्वारा प्रसारित एकतरफा जानकारी को चलाकर उन्होंने मुझे अपमानित किया। जब मैं काम कर रहा थी तब वह ऐसा कर रहे थे। लोगों के लिए मैं आपके (प्रधानमंत्री) पैर छूने को तैयार हूं। यह राजनीतिक प्रतिशोध बंद करो। इसके आगे ममता बनर्जी ने कहा कि, मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करती हूं कि मुख्य सचिव (DoPT से जोड़े जा रहे) के इस आदेश को वापस लें और हमें काम करने दें। कुछ शिष्टाचार होना चाहिए। राज्य को केंद्र काम नहीं करने दे रहा है। बंगाल मेरी प्राथमिकता है और मैं इसे कभी खतरे में नहीं डालूंगी। मैं यहां के लोगों के लिए सुरक्षा गार्ड बनी रहूंगी।
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, हमारा क्या कसूर था? पिछले दो वर्षों में संसदीय विपक्षी नेताओं की कोई आवश्यकता क्यों नहीं थी या गुजरात में विपक्षी नेताओं को बैठकों में क्यों नहीं बुलाया? मेरे (CM) शपथ लेने के बाद, राज्यपाल ने कूनन और व्यवस्था के बारे में बात की और केंद्रीय टीमों को भेजा गया।