कोरोना की दूसरी लहर थमने को है तो तीसरी लहर के आने के बात शुरू हो गई है। साथ कोरोना के कई नए वैरिएंट मिल रहे हैं। दुनिया भर में डेल्टा प्लस वैरिएंट का खौफ है। कोरोना से लड़ाई में वैक्सीन से ही उम्मीद लगाई जा रही है। सभी देश अपनी जनता को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने की कोशिश में हैं। ब्रिटेन में दिसंबर 2020 में 91 वर्षीय महिला के वैक्सीनेशन के साथ अभियान शुरू हुआ था। तब से अबतक 7 महीने का वक्त बीत चुका है। 100 से अधिक वैक्सीन दुनियाभर में कंपनियां बना रही हैं। मॉडर्ना, फाइजर, एस्ट्रेजेनका समेत कई वैक्सीन लोगों को लग रही है।
दुनियाभर में इन 7 महीनों में 2 अरब 30 करोड़ के करीब वैक्सीन की डोज लोगों को लगाई जा चुकी है। भारत में भी अबतक 25 करोड़ से अधिक डोज लोगों को लगाई जा चुकी है। कई देश ऐसे हैं जिन्होंने अपनी अधिकांश आबादी को वैक्सीन लगा दी है। लेकिन फिर से कई देशों में कोरोना की लहर बढ़ने लगी है। ब्रिटेन समेत कई देशों में प्रतिबंधों का दौर फिर से शुरू होने लगा है। तीसरी लहर को लेकर एक्सपर्ट लगातार चेतावनी दे रहे हैं।
किस देश में कितनी लगी है वैक्सीन
डोज के हिसाब से देखा जाए तो कोरोना की जन्मभूमि चीन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन अब तक हुआ है। वहां के लोगों को अबतक 90 करोड़ वैक्सीन डोज लग चुकी है। उसके बाद अमेरिका का स्थान है जहां 31 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। देश की आबादी के 44 फीसदी हिस्से को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। इजरायल में 57 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। ब्रिटेन में 45 फीसदी आबादी यानी 3 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। जबकि देश में कुल वैक्सीन डोज 7.17 करोड़ लगाई जा चुकी है। अरब देश बहरीन में 53 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। कतर में 43 फीसदी। सिंगापुर में 33 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। भारत में 25 करोड़ डोज लग चुकी है। लेकिन आबादी के लिहाज से ये काफी कम है।
कितने केस किस देश में आ रहे हैं
दुनिया में कोरोना की ये लहर थमती हुई दिख तो रही है लेकिन हर जगह एक जैसा हाल नहीं है। अभी भी दुनिया में 3 लाख से ऊपर नए केस रोज आ रहे हैं। इसी तरह दुनिया में 6 हजार से अधिक मौतें भी रोज हो रही हैं। अमेरिका जहां वैक्सीनेशन का काम सबसे तेजी से चल रहा वहां रोज के औसत केस 7 हजार से ऊपर हैं। अमेरिका में 1 जून से 2 लाख के करीब नए केस आ चुके हैं और 5 हजार मौतें हो चुकी हैं। पोस्ट-कोविड कंप्लीकेशन और लॉन्ग कोविड के मामलों के बीच 52 लाख से अधिक एक्टिव केस अभी भी अमेरिका में हैं।
ब्रिटेन में अभी भी 1 लाख 55 हजार एक्टिव मरीज हैं। 1 जून से वहां कोरोना की लहर तेज होती जा रही है। एक जून को जहां 3 हजार के करीब नए केस आए थे आज 7 हजार से ऊपर रोज नए केस आ रहे हैं। ब्रिटेन की कोरोना की इस नई लहर के पीछे डेल्टा वैरिएंट को कारण माना जा रहा है। हालात को देखते हुए ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अनलॉक के फैसलों को फिलहाल 4 हफ्ते के लिए और टाल दिया है। दुनिया में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन कर चुके इजरायल को अगर देखा जाए तो वहां भले ही मास्क पहनने से लोगों को छूट दे दी गई हो लेकिन कोरोना जीरो लेवल पर पर अभी भी नहीं पहुंचा है। रोजाना 200 से 300 मरीज अभी भी सामने आ रहे हैं।
इसी तरह चीन की बात करें तो वहां 90 करोड़ वैक्सीन डोज लोगों को लग चुकी है लेकिन पिछले कुछ दिनों में कई इलाकों में कोरोना के नए केस सामने आए हैं। 14 जून को शिनजियांग समेत कई प्रांतों में 20 से अधिक नए मरीज सामने आए। वहीं पाकिस्तान में 1 हजार के करीब कोरोना केस रोज आ रहे हैं। अभी भी 40 हजार से अधिक एक्टिव केस पाकिस्तान में हैं। वहां सिंध के कई इलाकों में कोरोना की चौथी लहर का कहर है और मामले फिर से बढ़ते दिख रहे हैं।