कोरोना का कहर जारी है। राष्ट्रीय लोकदल के अध्य्क्ष चौधरी अजित सिंह का निधन हो गया। कोरोना संक्रमण के चलते गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। 82 साल की उम्र में चौधरी अजीत सिंह ने आखिरी सांस ली। बताया जा रहा था कि फेफड़ों में संक्रमण बढ़ने के कारण उनकी हालत नाजुक हो गई थी। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजित सिंह बागपत से 7 बार सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। 86 साल की उम्र में उनका निधन हुआ है। उनके निधन के बाद बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है। चौधरी अजित सिंह की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती थी।
आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद से ही उनके फेफड़े में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा था। मंगलवार रात अजित सिंह की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। इसके बाद उन्हें गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया। चौधरी अजित सिंह ने अपनी सियासी सफर की शुरुआत 1986 से की थी। उस समय उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह बीमार पड़ गए थे। अजित सिंह 1986 में में राज्यसभा भेजे गए थे। इसके बाद 1987 से 1988 तक वह लोकदल (ए) और जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे। 1989 में अपनी पार्टी का विलय जनता दल में करने के बाद वह उसके महासचिव बन गए।
2001 से 2003 तक अटल बिहारी सरकार में चौधरी अजित सिंह मंत्री रहे। 2011 में वह यूपीए का हिस्सा बन गए। 2011 से 2014 तक वह मनमोहन सरकार में मंत्री बने। 2014 में वह मुजफ्फरनगर सीट से लड़े, लेकिन हार गए। 2019 का चुनाव भी चौधरी अजित सिंह मुजफ्फरनगर से लड़े, लेकिन इस बार भी बीजेपी प्रत्याशी संजीव ने उन्हें हरा दिया। हालांकि, किसान आंदोलन का उनकी पार्टी को फायदा हुआ है और जिला पंचायत चुनाव में आरएलडी ने शानदार प्रदर्शन किया है।