कोरोना के बचने का सबसे कारगर हथियार वैक्सीन को माना जा रहा है। देश में वैक्सीनेशन जारी और इस बिहार के पटना में बच्चों के लिए बनी वैक्सीन का ट्रायल भी शुरू हो गया है। पटना के एम्स में बुधवार को तीन बच्चों को वैक्सीन दी गई। जानकारी के अनुसार, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल हुआ।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की तरफ से बच्चों में कोवैक्सिन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 11 मई को इजाजत दी गई थी। बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल के लिए किसी पर भी दबाव नहीं बनाया, लोग अपनी स्वेच्छा से बच्चों को लेकर आ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में तांडव मचाने के बाद अब वायरस के संक्रमण की रफ्तार पूरे देश धीरे धीरे कम हो रही है। इसका असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। पहले की अपेक्षा बिहार में अब कोरोना के मामलों में गिरावट आई है। राज्य में अब रिकवरी रेट तेजी से बढ़ी है। अभी तक राज्य में 18 वर्ष से अधिक लोगों को वैक्सीन देने का काम हो रहा था।
बताया जा रहा है कि बुधवार को 2 से 18 वर्ष के बीच के जिन बच्चों को वैक्सीन दी गई पहले उनका स्क्रीनिंग की गई जिसमें उनका आरटीपीसीआर और शरीर की एंटीबॉड को चेक किया गया। सबकुछ ठीक होने के बाद इन्हें वैक्सीन दी गई। सूत्रों की मानें तो पटना एम्स ने 100 बच्चों पर कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का लक्ष्य रखा है।
रिपोर्ट्स की मानें तो वैक्सीन लगने के बाद किसी भी बच्चे में किसी भी तरह का कोई दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिला। पूरे अस्पताल प्रशासन के लिए यह एक बड़ी राहत की बात रही। जिन बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है अब 28 दिन बाद उन्हें दूसरी डोज दी जाएगी।