देश में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड सवा ढाई लाख से भी अधिक नए मामले सामने आ चुके हैं। सरकार महामारी को थामने के लिए चौतरफा तैयारी में जुट गई है। दिन पर दिन गंभीर होते संकट से निपटने के लिए हर कदम मजबूती के साथ उठाए जा रहे हैं। ऑक्सीजन की उपलब्धता और अबाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के उपाय किए जा रहे हैं। टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। साथ ही एंटी वायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी हर कदम उठाए जा रहे हैं। अब सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है, वह यह कि विदेशों से आयात होने वाली कोरोना वैक्सीन पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी।
केंद्र सरकार ने टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए अहम फैसला लेते हुए विदेशों से आयात होने वाली कोरोना वैक्सीन पर कस्टम ड्यूटी फ्री कर दिया है।। इन वैक्सीन पर लगने वाली 10 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी अब नहीं ली जाएगी। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश में आने वाली विदेशी वैक्सीनों की कीमत भी कम रह सकेंगी।
बता दें कि भारत सरकार जल्द ही रूस की स्पुतनिक-v का आयात करने वाली है। इसके अलावा भारत ने फाइज़र, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी टीका निर्माता कंपनियों से भी कहा है कि वे भारत को अपनी वैक्सीन बेचें। खबरों की माने तो सरकार इस पर भी विचार कर रही है कि निजी कंपनियों को मंजूरी प्राप्त वैक्सीन का सीधे बिना सरकार के हस्तक्षेप के आयात करने और इसे खुले बाजार में बेचने की इजाजत दी जाए। कंपनियों को टीके की कीमत तय करने की भी आजादी होगी।
बताते चले कि मौजूदा समय में भारत के अंदर किसी भी कोविड-19 वैक्सीन की खरीद-बिक्री केंद्र सरकार ही करती है। वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।