कोरोना की तीसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट को जिम्मेदार बताया जा रहा है। डेल्टा ने दुनिया भर में तबाही मचाई है। अब एक नई स्टडी आई से जिससे तबाही के संकेत मिल रहे हैं। स्टडी के मुताबिक, चीन के वुहान से आए ओरिजिनल स्ट्रेन की तुलना में कोरोनवायरस का डेल्टा वेरिएंट वैक्सीन की तरफ से उत्पन्न एंटाबॉडी के प्रति 8 गुना कम संवेदनशील है। ये नतीजे दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल समेत देश के तीन केंद्रों पर 100 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए टेस्ट के बाद सामने आए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोरोना वायरस के B.1.617.2 या डेल्टा वैरिएंट को पहले ही 'चिंता का एक रूप' करार दिया जा चुका है। स्टडी में दावा किया गया है, भारत में डेल्टा वैरिएंट का प्रभुत्व पहले से संक्रमित व्यक्तियों में एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने और वायरस की संक्रामकता में बढ़ोतरी से प्ररित है।
स्टडी में पाया गया कि B.1.617.2 डेल्टा वेरिएंट न केवल उच्च श्वसन के साथ टीके-सफलता संक्रमण पर हावी है, बल्कि गैर-डेल्टा संक्रमण की तुलना में अधिक ट्रांसमिशन भी उत्पन्न करता है। कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ थेराप्यूटिक इम्यूनोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज के वैज्ञानिकों के साथ भारत के सहयोगी स्टडी में सर-कोव-2 B.1.617.2 डेल्टा वेरिएंट इमर्जेंस एंड वैक्सीन ब्रेकथ्रू: कोलैबोरेटिव स्टडी की अभी समीक्षा की जानी बाकी है।
बता दें कि डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले महाराष्ट्र में पिछले साल के अंत में पाया गया था, जिसके बाद यह भारत और फिर अन्य देशों तक फैल गया। इस समय ब्रिटेन-अमेरिका समेत कई देशों में डेल्टा वैरिएंट के चलते कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने काफी तबाही मचाई थी। इस लहर में डेल्टा वैरिएंट ने कई लोगों को संक्रमित किया था।