चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को नवरात्रि समापन के साथ ही भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। ये नवरात्र के नौवें दिन होता है, इसलिए इसे रामनवमी कहते है। हर साल रामनवमी धूम-धाम से मनाई जाती है, लेकिन इस बार रामनवमी पर कोरोना ने पहरा दिया हुआ है। अयोध्या में रामनवमी को सबसे बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता है। रामलला के लिए बधाई गीत गाए जाते है, लेकिन इस बार रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कहा गया है कि रामनवमी राम जन्मभूमि परिसर में ही मनाई जाएगी और इस दौरान भक्तों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहेगा।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ये जानकारी सोशल मीडिया के जरिए दी। ट्वीट में लिखा गया- 'कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए न्यास द्वारा ये निर्णय लिया गया है कि श्रीरामनवमी के दिन श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मुख्य पुजारी जी के मार्गदर्शन में मनाया जाएगा। परंतु सभी भक्तों का प्रवेश वर्जित रहेगा।', यही ने रामनवमी पर अयोध्या के सभी बड़े संत-महंत लोगों से अपील की, कि लोग अयोध्या आने के बजाय अपने घरों में ही भगवान की पूजा और आराधना करें। संतों ने अपील करते हुए कहा है कि लोग अपनी बुद्धि और विवेक से खुद और परिवार के साथ समाज और देश की रक्षा करें।
Keeping in mind the current COVID19 situation, Ram Navami will be celebrated at the Sri Ram Janmabhoomi complex, Ayodhya without devotees: Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra pic.twitter.com/JMqfRswtax
— ANI UP (@ANINewsUP) April 19, 2021
अगर बाहर के लोग रामनवमी के अवसर पर अयोध्या आएंगे तो कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है। इसीलिए, इस बार लोग रामनवमी के मौके पर अयोध्या ना आएं और घरों में ही रहकर अपने इष्ट की आराधना करें। आपको बता दें कि राम जन्मभूमि समेत पूरे अयोध्या में रामलला का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इस दिन रामनगरी में लाखों की संख्या में राम भक्त मौजूद रहते है और इस त्योहार का आनंद लेते हैं। लेकिन इस बार रामलला के जन्म करोना का संकट देखने को मिल रहा है। जिसके चलते अयोध्या के संत समाज है कि लोग अपने घरों में रहकर रामलला के जन्मोत्सव में धार्मिक आयोजन करें।