बिहार में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है। स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। कोरोना के मरीज अस्पताल, ऑक्सिजन के बिना तड़प रहे हैं। ऐसे में सेना आगे आई है और बिहटा प्रखंड के सिकंदरपुर स्थित इएसआइसी अस्पताल को अपने हवाले ले लिया है। 23 दिन पहले कोविड डेडिकेटेड अस्पताल की घोषणा के बाद भी यहां बेहतर तरीके से इलाज शुरू नहीं होने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
आपको बता दें कि शुक्रवार को इएसआइसी अस्पताल में डॉक्टर सहित वरीय अधिकारी व आर्मी डॉक्टरों की बैठक हुई। इसके बाद यह बातें सामने आयी कि यहां पहले फेज में 100 बेड आइसीयू के साथ फिलहाल कोविड वार्ड शुरू किया जायेगा। इसमें 25 बेड पर क्रिटिकल मरीजों के लिए वेंटिलेटर भी होगा। वहीं आर्मी के नोडल अधिकारी डॉ अर्णव ने बताया कि शुक्रवार से सेना के 15 डॉक्टर सहित 50 नर्सिंग स्टाफ के कमान संभाल ली है।
संस्थान के सुपरिटेंडेंट मनमोहन मिश्र ने बताया कि अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं होने के कारण मरीज को बड़ी परेशानी होती थी। लेकिन सेना के द्वारा कमान संभालने के बाद मरीजों के लिए आशा की किरण खिली है। जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इएसआइसी अस्पताल को 500 बेड करना है। यह सब आर्मी के डॉक्टर के हाथ में सौंपी गयी है। आर्मी ने इएसआइसी अस्पताल को हैंड ओवर कर लिया है।
100 वार्ड बॉय के लिए राज्य सरकार से सहयोग मांगी गयी है। राज्य सरकार ने सभी की प्रतिनियुक्ति कर दी है। वहीं दो चार दिन के अंदर 25 वेंटिलेटर बेड के साथ पूर्ण डॉक्टर की व्यवस्था कर दी जायेगी। डीआरडीओ के तरफ से पिछले साल एक ही बार में 500 बेडों को शुरू किया गया था, जिसे कोरोना मरीज के इलाज में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई थी। लेकिन इस बार लगातार कभी 50 तो कभी 100 बेड बढ़ाया जा रहा है। इएसआइसी बिहटा कोविड अस्पताल में मरीजों के समुचित इलाज की व्यवस्था को लेकर कंट्रोल रूम बना दिया गया है़ इसके साथ ही यहां तीन पालियों में मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे कार्यरत रहेगा।