Hindi News

indianarrative

Coronavirus: एक ऐसा सॉफ्टवेयर, जो पहले ही बता देगा कि किस कोरोना मरीज को पड़ने वाली है वेंटिलेटर और ICU की जरूरत

photo courtesy google

कोरोना से लड़ने के लिए भारतीय वैज्ञानिक और मेडिकल एक्सपर्ट्स लगातार रिसर्च कर रहे है। इस कड़ी में एक्सपर्ट्स ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो मरीजों की पहचान कर पहले ही आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट की जरुरत को बता देगा ताकि समय रहते मरीज को रेफर किया जा सके और उसकी जिंदगी को बचाया जा सके। इस सॉफ्टवेयर का नाम 'कोविड सीवियरिटी स्कोर' रखा गया है। इस सॉफ्टवेयर में ऐसा एल्गोरिदम है जो कुछ मानकों को मापकर उन मरीजों की पहचान करेगा, जिन्हें  वेंटिलेटर या आपातकालीन सेवा और आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की अपने बयान में कहा है कि इस सॉफ्टवेयर की मदद से उन मरीजों को अस्पतालों द्वारा दिए गए रेफरल की संख्या घटाने में मदद मिल सकती है जिन्हें गंभीर देखभाल की जरूरत नहीं पड़ सकती। अक्सर देखा जाता है कि अस्पताल ऐसे मरीजों को भी दूसरे अस्पतालों में रेफर कर देते है जिन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर जैसी आवश्यकता नहीं होती। यह सॉफ्टवेयर ऐसे मरीजों की पहचान कर सकता है जिससे अन्य मरीजों को बिस्तर मिल सकते है। यह सॉफ्टवेयर हर एक मरीज की स्थिति को पहले से तय मानकों पर मापेगा और कोविड की गंभीरता का स्कोर तय करेगा।

केंद्र सरकार ने अपने बयान में आगे बताया कि इस तकनीक को पहले कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में तीन सामुदायिक कोविड केयर केंद्रों में प्रयोग में लाई जा रही है। इसमें कोलकाता के बैरकपुर में स्थित 100 बिस्तरों वाला सरकारी कोविड केंद्र शामिल है। आईआईटी गुवाहाटी, डॉ केविन धालीवाल, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और डब्ल्यूएचओ में काम कर चुके डॉ सायंतन बंद्योपाध्याय ने संयुक्त रूप से सीएसएस विकिसित किया है। इस सॉफ्टवेयर को लकर उम्मीद की जा रही है कि ये बेड और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 'कोविड केयर सेंटर्स' के लिए बड़ी मदद कर सकता है। हालांकि, इनवेसिव वेंटिलेशन के लिए इसमें कोई सुविधा नहीं है।