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Omicron को लेकर भारत सख्त, जांच रिपोर्ट से पहले हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकल सकेंगे विदेशों से आने वाले यात्री

Omicron को लेकर सरकार सख्त, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी

दक्षिण अफ्रीका सहित 12 देशों में पाए गए कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक स्वरूप 'ओमीक्रॉन' वेरिएंट (Omicron Variant) ने दुनिया में दहशत फैला दी है। इस बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए नई गाईडलाइंस जारी की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को विदेशों से भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है जो कि 1 दिसंबर से लागू हो जाएगी। मौदूजा दिशा-निर्देशों को  SARS-CoV-2 (B.1.1.1.529; Omicron) वैरिएंट के मद्देनजर संशोधित किया गया है।

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नई गाइडलाइंस के अनुसार सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को 14 दिन के यात्रा इतिहास और निगेटि RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड़ करनी होगी। और यह रिपोर्ट यात्रा शुरू करने से पहले पहले 72 घंटे के भीतर अनिवार्य होना चाहिए। जोखिम श्रेणी वाले देशों को छोड़कर अन्य देशों के यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति होगी और उन्हें 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी। मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों से आने वाले यात्रियों में से 5 फीसदी की जांच की जाएगी और संबंधित विमानन कंपनी को प्रत्येक उड़ान से आने वाले उन 5 फीसदी लोगों की पहचान करनी होगी, जिनका परीक्षण किया जाना चाहिए। हालांकि, इनके नमूने की जांच का खर्च मंत्रालय वहन करेगा।

इसके साथ ही यात्रियों को यात्रा से पहले यु सुनिश्चित करना होगा कि वे हमो/इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन से गुजरने के लिए सरकारी निर्णय का पालन करेंगे। स्वाश्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबकि 12 जोखिम वाले देशों से जो यात्री आएंगी उनकी एयरपोर्ट पर ही कोरोना जांच की जाएगी और वहीं उन्हें रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो 7 दिनों के लिए हम क्वारंटाइन रहना होगा और 8वें दिन फिर जांच होगी और फिर अगर निगेटिव आता है तो फिर से अगले 7 दिनों के लिए स्वयं की निगारनी करनी होगी।

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इन 12 देशों के केंद्र सरकार ने जोखिम वाले देश की श्रेणी में रखा है। इन देशों के यात्रियों को भारत में आने पर गाइडलाइंस का पालन करना होगा। दक्षिण अफ्रीका, यूनाइडेट किंगडम सहित यूरोपीय देशों, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरिसस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हॉन्ग-कॉन्ग और इजराइल को जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा है।