कीर्ति चक्र से सम्मानित सीआरपीएफ (CRPF) कमांडेंट चेतन चीता करीब 20 दिनों से हरियाणा के झज्जर एम्स अस्पताल में भर्ती हैं। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस वक्त उनकी हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि, अगले 48 घंटे उनके लिए बेहद अहम है।
चेतन चीता का हरियाणा के झज्जर एम्स द्वारा संचालित नैशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (NCI) में इलाज चल रहा है। यहां कि कोविड सर्विस चेयरपर्सन डॉ. सुषमा भटनागर ने कहा कि, 'अगले 48 घंटे नाजुक है। वह फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं। ऐंटी वायरल थेरपी के साथ हम सेकंडरी बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दे रहे हैं। उन्हें ब्लड प्रेशर मेनटेन रखने के लिए भी दवा की जरूरत है।'
9 मई को अस्पताल में कराए गए थे भर्ती
एनसीआई के डॉक्टर ने कहा कि, वह फाइटर हैं, हमें उम्मीद है कि वह फिर से नाजुक स्थिति से बाहर आ जाएंगे। 9 मई को कोविड पॉजिटिल होने के बाद ऑक्सिजन लेवल कम होने पर उन्हें एम्स लाया गया। शुरुआत में उन्हें ऑक्सिजन सपोर्ट पर आईसीयू में रखा गया था। डॉक्टरों का कहना है कि एंटी वायरल थेरपी से उनकी हालत में सुधार हो रहा था लेकिन रविवार को अचानक फिर सेहत बिगड़ गई।
आंतकी हमले में 9 गोली लगने के बाद भी दी थी मौत को मात
एक आंतकी हमले में चेतन चीता को 9 गोली लगने के बाद भी उन्होंने मौत को माद दे दिया था। फरवरी 2017 में वो कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडिंग अफसर के रूप में तैनात थे। आतंकी हमले में उनके सिर, दाईं आंख, पेट, दोनों बांहें, बाएं हाथ और कमर के निचले हिस्से में कुल मिलाकर 9 गोलियां लगी थीं। जिसके बाद उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भार्ती कराया गया जहां पर कई सर्जरी कर उनकी जान बचाई गई थी। अप्रैल 2017 में डिस्चार्ज होकर वो 2018 में वापस ड्यूटी पर लौट आए थे। उन्हें शांतिकाल में बहादुरी के दूसरे सबसे बड़े सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।