चक्रवाती तूफान तौकते लगातार मजबूत होकर गुजरात की ओर बढ़ रहा है। इसका असर दमन दीव और दादनृर नगर हवेली में देखा जा रहा है। तौकते पर दिल्ली से पीएम मोदी भी लगातार निगाह बनाए हुए हैं। इस तूफान से प्रभावित होने वाले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मोदी खुद सीधे संपर्क में हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि तौकते उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 18मई की दोपहर के आसपास पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है।
मिली जानकारी के मुताबित 17मई को मुंबई सहित उत्तरी कोंकण में कुछ स्थानों पर तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश होगी। मुंबई में रविवार दोपहर से बारिश की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि तूफान फिलहाल गोवा से 250किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है। भूटे ने कहा, ‘महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग और रत्नागिरि जिलों के साथ गोवा ज्यादातर बारिश और तेज हवाओं से प्रभावित होगा।’ उन्होंने कहा कि हवा की गति लगभग 60से 70किमी प्रति घंटे होगी। उन्होंने कहा कि आईएमडी ने 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है, जिसका मतलब है कि पूरे कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के पहाड़ी इलाकों, मुख्य रूप से कोल्हापुर और सतारा में रविवार और सोमवार को भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
दूसरी तरफ, दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘तौकते’ से निपटने की राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। पीएम ने उनसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवाओं का प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने चक्रवात से जिन स्थानों के प्रभावित होने की संभावना है, वहां के अस्पतालों में कोविड प्रबंधन, टीकाकरण, बिजली की कमी न हो, इसके उपाय और आवश्यक दवाओं के भंडारण के लिए विशेष तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया। इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, केबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन, संचार, पोत परिवहन मंत्रालयों के सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के शीर्ष अधिकारी, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें गुजरात के गिर सोमनाथ, अमरेली, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, राजकोट, कच्छ, मोरबी, सूरत, गांधीनगर, वलसाड, भावनगर, नवसारी, भरूच और जूनागढ़ जिलों में तैनात हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बनासकांठा जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘राज्य सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है और एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में जिला प्रशासनों को सतर्क कर दिया गया है जिनके चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है। एनडीआरएफ की टीमें राज्य में पहुंच रही हैं।’
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुजरात सरकार को जारी एक परामर्श में कहा कि ‘बहुत भीषण चक्रवाती तूफान’ से फूस के घरों, सड़कों, बिजली और संचार लाइनों को नुकसान होने की संभावना है। खासकर सौराष्ट्र क्षेत्र के जिलों जैसे देवभूमि द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, जामनगर, अमरेली, राजकोट और मोरबी जिलों में। उसने कहा कि 17मई को सौराष्ट्र के तटीय जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होगी और सौराष्ट्र एवं कच्छ में कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होगी तथा जूनागढ़ और गिर सोमनाथ जिलों में कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है।
परामर्श में कहा गया है, ‘17मई की सुबह से उत्तर पश्चिमी अरब सागर के साथ लगने वाले इलाके और दक्षिण गुजरात तट से लगे इलाके में समुद्र बहुत अशांत रहेगा।’ इसमें कहा गया है, ‘मोरबी, कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले के तटीय क्षेत्रों के दो-तीन मीटर ऊंची समुद्री लहर से जलमग्न होने और पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर में 1-2मीटर लहर से जलमग्न होने तथा गुजरात के शेष तटीय जिलों में और 0.5-1मीटर लहर से जलमग्न होने की आशंका है।’
गृह मंत्रालय ने 17 और 18 मई को उत्तर पश्चिमी अरब सागर और गुजरात तट से मछली पकड़ने का कार्य पूरी तरह से स्थगित करने की सलाह दी। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तटीय जिलों में अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया। ठाकरे ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में कहा कि पालघर, रायगढ़, रत्नागिरि, सिंधुदुर्ग जिलों के कलेक्टरों को सभी आवश्यक सावधानी बरतने को कहा गया है।