बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान यास खतरनाक होता जा रहा है। यास तूफान के दौरान 100 किलोमीटर से भी ज्यादा की रफ्तार से हवाएं चल रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, यास अब पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में अब तेजी से बढ़ रहा है। अगले 24 घंटे तक आंध्र प्रदेश, ओडिशा और बंगाल में भारी बारिश होगी और तूफान से तबाही की आशंका जताई गई है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पहले से ही ट्रेनें रद्द कर दी है। साथ ही एनडीआरएफ की 109 टीम को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड में तैनात कर दिया है।
आईएमडी के अनुसार, चक्रवाती तूफान यास के 26 मई की दोपहर में बालासोर के करीब पारादीप और सागर द्वीप के बीच उत्तर ओडिशा- पश्चिम बंगाल तट से गुजरने की संभावना है। इस दौरान यास गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। इस बीच ओडिशा के चांदीपुर में बारिश शुरू हो गई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यास तूफान ओडिशा के पारादीप और सागर आइलैंड्स के बीच लैंडफॉल कर सकता है। एनडीआरएफ ने कुल 149 टीमों को तैयार किया गया है, इनमें से 99 को राज्यों के तटीय क्षेत्र में तैनात है। वहीं 50 को देश के अलग अलग हिस्सों में स्टैंडबाय में रखा गया है।
#WATCH Rain lashes Digha, West Bengal as cyclone Yaas is expected to cross West Bengal-Odisha coast tomorrow pic.twitter.com/2SLm3Ej6F1
— ANI (@ANI) May 25, 2021
जरूरत पड़ने पर इन्हें एयरलिफ्ट कर मोर्चे पर लगाया जाएगा। 52 टीमें ओडिशा, 35 बंगाल, पांच तमिलनाडु, तीन विशाखापत्तनम और झारखंड में और एक अंडमान निकोबार में तैनात की गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी कि अगले 24 घंटे में चक्रवात यास बेहद गंभीर चक्रवात तूफान में तब्दील हो जाएगा। बुधवार को यास बंगाल और ओडिशा के तट पर पहुंचेगा। चक्रवात के टकराने के बाद भारी तबाही से बचने के लिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है।
वहीं गृह मंत्रालय ने चक्रवात यास से प्रभावित होने वाले सभी राज्यों को आश्वासन दिया है कि मंत्रालय उनकी मदद के लिए 24 घंटे तैयार रहेगा। इसके अलावा अमित शाह ने बंगाल और ओडिशा से उनके यहां ऑक्सीजन संयंत्रों पर तूफान के संभावित प्रभावों की जानकारी ली। राज्यों को कोविड अस्पतालों, जांच लैब, टीका भंडारों और ऑक्सीजन संयंत्रों की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था करने को कहा है। बंगाल और ओडिशा देश के बड़े मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता राज्य हैं। सभी राज्यों से अपने यहां कम से कम दो दिन के लिए ऑक्सीजन का बफर स्टॉक रखने के लिए कहा गया है।