दिल्ली में चल रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक नहीं लगेगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इनकार किया है। कोर्ट ने याचिका कर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि निर्माण कार्य में शामिल मजदूर उसी जगह पर रह रहे थे, लिहाजा निर्माण को रोकने का कोई औचित्य नहीं बनता। ना ही डीडीएमए के 19 अप्रैल के आदेश में इस तरह की कोई बात कही गई थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से पहले ही सेंट्रल विस्टा को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
बता दें कि दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के बाद याचिकाकर्ता ने यह कहकर याचिका दायर की थी कि अभी दिल्ली में कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज पर पूरी तरह रोक है, तो इस प्रोजेक्ट का काम क्यों नहीं रोका गया। याचिका में कहा गया था कि 500 से ऊपर मजदूर वहां काम कर रहे है इससे वहां कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है। लेकिन आज जब हाई कोर्ट ने ये फैसला सुनाया तब पहले ही दिल्ली सरकार कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर लगी रोक को हटा चुकी है।
अदालत ने अन्या मल्होत्रा और इतिहासकार और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता सोहेल हाशमी की संयुक्त याचिका पर 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोनों ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि परियोजना एक आवश्यक कार्य नहीं है और इसे कुछ समय के लिए रोका जा सकता है। याचिका में कहा गया था कि कोरोना के दौर में किसी भी ऐसे प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य को मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा था कि इस परियोजना की वजह से कई लोगों की जान खतरे में है।