दिल्ली विश्वविद्यालय के विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल को 12 टीचर्स को टर्मिनेट करना मंहगा पड़ गया। ये विवाद अब बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर अब डीटीए यानी शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने अब उन्हें तुरंत हटाए जाने की मांगकी है। इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा है। डीटीए की मानें तो, प्रिंसिपल ने जिन 12 टीचर्स को टर्मिनेट किया है, उनमें 5 टीचर्स कोरोना पॉजिटिव थे। कोरोना से पीड़ित टीचर्स स्वस्थ्य तौर पर भी और आर्थिक तौर पर भी काफी बीमार थे।
ऐसे में उनको टर्मिनेट कर दिया गया। प्रिंसिपल की इस फैसले की हर तरफ फजीहत हो रही है। इस मामले को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति और विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल से जवाब मांगा। इस मामले पर दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम ने प्रिंसिपल की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने जानकारी देते हुए विवेकानंद कॉलेज में लंबे समय से विभिन्न विभागों में काम करने वाले 12 एडहॉक टीचर्स को टर्मिनेट कर दिया गया।
ये टीचर्स हुए टर्मिनेट
कॉमर्स- 02
इकनॉमिक्स- 01
इंग्लिश- 03
कम्प्यूटर साइंस- 02
संस्कृत- 01
फूड टेक्नोलॉजी- 01
मैथमेटिक्स- 01
इन्वायरमेंट साइंस- 01
इनमें से 3 एडहॉक टीचर्स अनुसूचित जाति और 4 अन्य पिछड़ा वर्ग के अलावा 5 सामान्य वर्गों के है। इस टीचर्स की वापस नियुक्ति की मांग की जा रही है।