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मोदी सरकार ने दिया China को एक और बड़ा झटका, देखें, ड्रैगन के खिलाफ उठाया ये सख्त कदम

मोदी सरकार का चीन को एक और बड़ा झटका

केंद्र की मोदी सरकार ने चीन को एक और बड़ा झटका देते हुए चीन से आने वाले सामान पर अब एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। सरकार को इस बारे में बताया गया है कि, डोमेस्टिक मैन्युफैक्चर्स को बचाने के लिए चीन से आयात होने वाले कुछ एल्यूमीनियम प्रोडक्ट्स पर एंटी-डंपिंग ड्यटी लगाने की जरूरत है। DGTR की ओर से कहा गया है कि चीन से आने वाले ऐसे प्रोडक्ट्स को औने पौने दाम पर भारत भेजे जाने से घरेलू उद्योग प्रभावित हुए हैं।

दरअसल, वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली जांच संस्था DGTR ने यह कदम उठाया है। DGTR की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि, घरेलू उद्योग को हुई वास्तविक क्षति बड़े पैमाने पर सस्ते आयात की वजह से हुई है। इसलिए प्राधिकरण चीन में उत्पादित या निर्यात किए गए संबद्ध वस्तुओं के सभी आयातों पर निश्चित तौर पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करना आवश्यक समझता है। DGTR ने आयात पर 65 डॉलर प्रति टन और 449 डॉलर प्रति टन डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्रालय शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय लेता है।

बताते चलें कि, वैश्विक व्यापास में किसी भी माल की डंपिंग तब मानी जाती है जब कोई देश या उसकी कंपनी किसी वस्तु का निर्यात अन्य देश को उस वस्तु की घरेलू बाजार कीमत से कम दाम पर करती है। ऐसे आयातित माल का आयात करने वाले देश के बाजार पर बुरा असर पड़ता है। उस देश की विनिर्माता कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर दबाव बढ़ता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार के नियमों के मुताबिक ऐसे आयात पर संबंधित देश डंपिंग रोधी शुल्क लगा सकता है ताकि घरेलू विनिर्माताओं को उनके उत्पादों के लिए समान अवसर प्राप्त हो सके। वहीं, इस तरह की कोई ड्यूटी डीजीटीआर जैसी जांच संस्था के कहे जाने पर ही लगाई जा सकती है।

भारत का यह कदम सही होगा क्योंकि भारत औऱ चीन दोनों देश ग्लोबल ट्रेड नॉर्म्स को फॉलो करते हैं। किसी देश को अगर लगता है कि दूसरे देश से होने वाले आयात से लोकर मैन्युफैक्चर्स को समान अवसर नहीं मिल रहा है तो वह इस तरह की ड्यूटी लगाता है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद ड्रैगन के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है।