श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती पर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) ने दूध उत्पादकों को डिजिटल अवार्ड प्रदान किया है। एनडीडीबी ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर गुरुवार को कहा कि उसका मकसद देश में डिजिटल ड्राइव को बढ़ावा देते हुए डेयरी से जुड़े किसानों को दूध के दाम का शतप्रतिशत भुगतान बैंक और डिजिटल मंचों के जरिए करना है।
डॉ. कुरियन का जन्म दिन 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर एनडीडीबी के अध्यक्ष दिलीप रथ ने दूध उत्पादकों, दूध से जुड़े सहकारी संस्थाओं व दूध उत्पादक कंपनियों को मिल्क प्रोड्यूसर्स डिजिटल अवार्ड व डिजिटल पेमेंट एप्रिसिएशन सर्टिफिकेट प्रदान किया।
इस मौके पर एनडीडीबी के कार्यकारी निदेशक मीनेश शाह और अरुण रास्ते भी मौजूद थे।
डॉ. रथ ने कहा, आज डॉ. वर्गीज कुरियन की जयंती यानी 26 नवंबर 2020 से हम उनकी जन्म शताब्दी मना रहे हैं और इस अवसर पर हम प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले उत्पादक और उत्कृष्ट संस्थानाओं को यह अवार्ड व सर्टिफिकेट प्रदान कर रहे हैं।
रथ ने कहा कि भारत सरकार के डिजिटल इंडिया ड्राइव के साथ-साथ एनडीडीबी के प्रयासों से डेयरी से किसान निश्चित तौर पर बैंकों से भुगतान प्राप्त करने और अन्य डिजिटल मंचों का उपयोग करने की ओर उत्साहित होंगे।
एनडीडीबी के अध्यक्ष ने इस मौके पर डेयरी से जुड़ी सहकारी संस्थाओं में से 62 दूध उत्पादकों और दूध उत्पादक कंपनियों में से 24 दूध उत्पादकों को डिजिटल माध्यम से दूध का भुगतान स्वीकार करने के लिए सम्मानित किया।
साथ ही, डिजिटल माध्यम से दूध के बिलों के भुगतान को बढ़ावा देने के लिए देश के 22 राज्यों से संबंधित 19 डेयरी को-ऑपरेटिव मिल्क यूनियन/फेडरेशन व आठ मिल्क प्रोड्यूसर्स कंपनियों को भी सम्मानित किया गया।.