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सीबीआई की दस्तक से केरल सीपीआई-एम में फैली बेचैनी

सीबीआई की दस्तक से केरल सीपीआई-एम में फैली बेचैनी

केरल के मुख्यमंत्री के पिनारई विजयन के प्रोजेक्ट 'लाइफ मिशन' में अनियमितताओं की जांच के लिए जब से सीबीआई केरल आई है, जिसके कारण यहां की सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई-एम बेचैन हो गई है। जो लोग एजेंसी से आरोपों की जांच कराने के लिए केन्द्र को पत्र लिखने का श्रेय लेते थे, वे अब मुश्किल में दिख रहे हैं।

दरअसल, जब से जुलाई में सोने की तस्करी वाला मामला सामने आया है और कस्टम्स ने यूएई वाणिज्य दूतावास के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी पी.एस.सारिथ को गिरफ्तार किया है और एनआईए ने स्वप्ना सुरेश को दबोचा है, तब से सीपीआई-एम के लिये चीजें गड़बड़ हो गई हैं।

शुक्रवार को खबर आई कि सीबीआई ने त्रिशूर के वाडक्कांचेरी में 'लाइफ मिशन' परियोजना की जांच का जिम्मा संभाला है। इसके तुरंत बाद सीपीआई-एम ने एक बयान जारी कर कहा कि यह कुछ भी नहीं बल्कि राजनीति से प्रेरित और सत्ता का दुरुपयोग था।

सीबीआई ने शुक्रवार को न केवल केरल सरकार की विवादास्पद लाइफ मिशन हाउसिंग परियोजना पर यहां विशेष अदालत में एक विस्तृत रिपोर्ट दायर की, बल्कि एनार्कुलम के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में एक मुकदमा भी दायर किया ।

प्राथमिकी में कंपनी के प्रमुख संतोष ऐपन नाम का नाम दिया गया है, जिसने हाउसिंग प्रोजेक्ट और फर्म के अन्य कर्मचारियों के निर्माण का ठेका लिया था। इस मामले में सीबीआई ने आपराधिक साजिश और विदेशी मुद्रा नियमों का गंभीर उल्लंघन करने का हवाला दिया है।

इसे विजयन के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि उन्होंने इस प्रोजेक्ट में विजिलेंस जांच कराने का आदेश देने का फैसला किया है। केरल बीजेपी के अध्यक्ष के.सुरेंद्रन ने शनिवार को मीडिया से कहा, "इससे कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि सीबीआई यह सुनिश्चित करेगी कि जांच उचित तरीके से हो।"

2 बार मुख्यमंत्री रह चुके कांग्रेसी नेता ओमन चांडी ने सवाल उठाते हुए कहा, "इस आवास परियोजना में 4.50 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर दिया गया था। इसलिए अब सीपीआई-एम कैसे कह सकता है कि यह जांच राजनीति से प्रेरित है।"

सत्तारूढ़ दल को तब और झटका लगा जब शनिवार को सीपीआई-एम केरल के राज्य सचिव कोडियरी बालाकृष्णन के बेटे बिनीश कोडियरी को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नोटिस दिया। साथ ही उससे संपत्तियों की सूची भी मांगी गई है। इसके अलावा राज्य पंजीकरण विभाग को भी संपत्तियों की एक सूची बनाने के लिए कहा है ताकि पता चल सके कि विभाग की जानकारी के बिना किसी संपत्ति (संपत्ति) का कोई हस्तांतरण या बिक्री तो नहीं हुई है।

इस पर नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला ने बालाकृष्णन से कहा है कि वे घटनाओं को लेकर स्पष्टीकरण दें। साथ ही कहा, "वे अब चुप नहीं रह सकते।".