किसान आंदोलन की आड़ मे भारत में हिंसा फैलाने और आतंकियों के मंसूबों को कामयाब बनाने के लिए तैयार किए गए टूल किट मामले में कई बड़े खुलासे हुए हैं। भारत के खिलाफ काम कर रही ताकतों ने भारत के ही कुछ युवाओं को मोहरा बनाकर बड़ी डिजिटल स्ट्राइक करने की साजिश रची थी। समय रहते इस साजिश की भनक भारतीय एजेंसियों को लग गई और पूरी साजिश धरी की धरी रह गई। इस साजिश में बैंगलुरु से गिरफ्तार दिशा रवि से मिली जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कहा है कि खालिस्तान समर्थक धालीवाल ने एक वेब कॉन्फ्रेंस की थी। इस कॉन्फ्रेंस में भारत पर डिजिटल स्ट्राइक खाका तैयार किया गया था। इस में दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु के अलावा कुछ और लोग भी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि थनबर्ग ने दिशा रवि के कहने पर ट्विटर से अपना ट्वीट हटा लिया था। इतना ही नहीं, थनबर्ग का संपादित ट्वीट भी दिशा रवि ने ही एडिट किया था। पुलिस ने दावा किया कि यूएपीए के डर से दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग से अपना ट्वीट हटाने के लिए कहा था, क्योंकि उस दस्तावेज में उनका भी नाम शामिल था।
किसान आंदोलन से जुड़ा टूलकिट ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर आकाउंट से शेयर किया था। बाद में इस पर बवाल मचने के बाद उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने उसी दस्तावेज का संपादित संस्करण ट्वीट करते हुए बताया था कि पिछला टूलकिट पुराना था, जिस वजह से उसे हटा दिया गया है। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि थनबर्ग ने दिशा रवि के अनुरोध पर अपना ट्वीट डिलीट किया था और बाद में, दस्तावेज का एक संपादित संस्करण साझा किया, जिसे खुद दिशा ने ही एडिट किया था।
दिशा ने वॉट्सऐप पर थनबर्ग को लिखा, 'ठीक है, क्या ऐसा हो सकता है कि आप टूलकिट को पूरी तरह ट्वीट न करें? क्या हम थोड़ी देर के लिए रुक सकते हैं। मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे खेद है, लेकिन उस पर हमारे नाम हैं और हमारे खिलाफ यूएपीए के तहत कार्रवाई हो सकती है।' पुलिस ने दावा किया कि दिशा ने कथित रूप से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज होने के डर से यह अनुरोध किया था।
युवा जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए टूलकिट साझा किया था। दस्तावेज में, 'ट्विटर स्टॉर्म' बनाने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने समेत कई योजनाएं सूचीबद्ध की गई थीं, जो किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए बनाई गई थीं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि थनबर्ग और दिशा रवि के बीच वॉट्सऐप चैट की जांच के दौरान यह पाया गया कि दिशा ने ट्वीट को हटाने के लिए ग्रेटा थनबर्ग से अनुरोध किया था क्योंकि टूलकिट के दस्तावेज में उनका नाम था।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टूलकिट दस्तावेज से संबंधित प्रश्नों का जवाब देते हुए, पुलिस उपायुक्त (साइबर सेल) अन्येष रॉय ने कहा कि यह एक स्टैटिक दस्तावेज नहीं है। रॉय ने कहा, 'यह एक गतिशील दस्तावेज है जिसमें बड़ी संख्या में हाइपरलिंक हैं, जो विभिन्न गूगल ड्राइव, गूगल डॉक्स और वेबसाइटों के लिंक हैं। जिसमें से एक 'आस्कइंडियावॉई.कॉम' है। इस वेबसाइट में बहुत अधिक खालिस्तानी समर्थक सामग्री है, इसलिए यह दस्तावेज़ में अपने आप में एक कार्य योजना है।