रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को बताया कि उसने उच्च पर्वतीय इलाकों में तैनात सैनिकों और कोरोना मरीजों के लिए Spo2 आधारित सप्लीमेंटल आक्सीजन डिलिवरी सिस्टम विकसित किया है। इसका देश में बड़े पैमाने पर उत्पादन भी शुरू हो गया है और कोरोना महामारी में यह वरदान साबित हो सकता है।
सैनिकों के इस्तेमाल के लिए डीआरडीओ की ओर से विकसित यह उपकरण अब Covid-19 मरीजों के लिए काम आएगा। DRDO ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के इस चरम संकट में उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र भी देश के लिए वरदान साबित होंगे। डिफेंस बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लेबोरेटरी (DEBEL), DRDO के बेंगलुरु ने सैनिकों के लिए अत्यंत उच्च ऊंचाई पर एक SpO2 (रक्त ऑक्सीजन संतृप्ति) सप्लीमेंट ऑक्सीजन डिलीवरी सिस्टम विकसित की है। यह स्वचालित प्रणाली SpO2 स्तरों के आधार पर पूरक ऑक्सीजन वितरित करती है और व्यक्ति को हाइपोक्सिया की स्थिति में जाने से रोकती है, जो कि ज्यादातर मामलों में घातक होता है।
इस वक्त देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है, हर राज्य में अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन सप्लाई में परेशानी हो रही है। यहां तक कोविड सेंटर्स में बेड और ऑक्सीजन ना होने के चलते रोगियों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है। कई राज्यों में ऑक्सीजन की वजह से मरीज दम तोड़ दे रहे हैं। दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक सभी राज्यों के कमोबेश यहीं हालात है। ऐसे में अब डीआरडीओ की तरफ से तैयार किया गया सिस्टम कोरोना मरीजों के काम आएगा।