ट्रेडिशनल वॉर में इंडिया अब चीन और पाकिस्तान को एक साथ शिकस्त देने के सभी हथियार इकट्ठे कर चुका है। ये हथियार ऐसे हैं जिनकी काट चीन और पाकिस्तान के पास नहीं है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है न्यू जेनरेशन वाली आकाश मिसाइल के बाद भारतीय फौज की ताकत कहीं ज्यादा हो चुकी है।
न्यू जेनरेशन वाली आकाश (आकाश-एनजी) सतह से हवा मे मार करने वाली मिसाइल है। इस मिसाइल का परीक्षण ओड़िसा तट से किया गया। यह मिसाइल दागो और भूल जाओ वाली टेक्नोलॉजी पर आधारित है। एक बार लक्ष्य को साध कर इस मिसाइल को फायर कर दिया जाता है। मिसाइल टार्गेट को ध्वस्त कर सिग्नल वापस कंट्रोल रूम को भेज देती है।
In a major boost to #AtmaNirbharBharat and strengthening Indian Army, Defence Research and Development Organisation (DRDO) successfully flight tested indigenously developed low weight, fire and forget Man Portable Antitank Guided Missile (MPATGM) today 21st July 2021. pic.twitter.com/kLEqrsgoOR
— DRDO (@DRDO_India) July 21, 2021
डीआरडीओ की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को थर्मल साइट के साथ एकीकृत एक मैन-पोर्टेबल लॉन्चर से भी लॉन्च किया गया। इस मिसाइल की सक्सेसफुल फायर की खबरें सुनकर पाकिस्तान में एक बार फिर सन्नाटा छा गया है। कमर जावेद बाजवा ने अभी कुछ दिन पहले ही मंगला बॉर्डर पहुंच कर अपनी फौज की ऑप्रेशनल प्रिपेयर्डनेस का जायजा लिया है। वापस जाकर उन्होंने कोर कमांडर की बैठक में इस बात का जिक्र किया था कि इंडिया के मुकाबले फौज की क्षमता बहुत कम है। चीन के सहयोग के बावजूद इंडिया का मुकाबला मुश्किल है, लिहाजा बॉर्डर पर जंग जैसे हालात से बचा जाए। इंडियन आर्मी के पास अब आकाश-एनजी आने के बाद तो पाकिस्तानी फौज की हालत और भी पतली हो चुकी है।
टेस्ट फायर के दौरान मिसाइल ने अपने टारगेट को 100 फीसदी एक्यूरेसी के हिसाब से ध्वस्त कर दिया। आकाश मिसाइल का ओडिशा के तट से एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल ने डायरेक्ट अटैक मोड में टारगेट को हिट किया और पहले ही बार में खत्म कर दिया। इसके साथ ही डीआरडीओ ने कहा, मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया। मिसाइल का पहले ही मैक्सिमम रेंज का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है।
रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL), हैदराबाद द्वारा अन्य DRDO प्रयोगशालाओं के सहयोग से नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल प्रणाली विकसित की गई है। मिसाइल के परीक्षण को भारतीय वायु सेना के विशेषज्ञों की निगरानी में फायर किया गया। मिसाइल के उड़ान से संबंधित डेटा का एनालिसिस करने के लिए आईटीआर ने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज स्टेशनों को तैनात किया गया था।