West Bengal Assembly Elections 2021: पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग ने पाबंदी लगा दी है। इस बाबत चुनाव आयोग के फैसले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ धरना देंगी। चुनाव आयोग (EC) ने 24घंटे के लिए रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री को चुनाव आयोग ने 7अप्रैल को अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे ना होने वाले बयान को लेकर नोटिस भेजा था।
नोटिस में कहा गया था कि चुनाव आयोग को बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया है कि तीन अप्रैल को, बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि उनका वोट विभिन्न दलों में न बंटने दें।
नोटिस में बनर्जी के हवाले से कहा गया, "विश्वविद्यालयों तक के लिए कन्याश्री छात्रवृत्ति है, अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिए शिक्षाश्री है। सामान्य वर्ग के लिए स्वामी विवेकानंद छात्रवृत्ति है, अल्पसंख्यक समुदाय के मेरे भाइयों और बहनों के लिए एक्यश्री है और मैंने इसे दो करोड़ 35लाख लाभार्थियों को दिया है। मैं हाथ जोड़कर अपने अल्पसंख्यक भाई-बहनों से अपने मत शैतान को नहीं देने और अपने मत को बंटने नही देने की अपील करती हूं जिसने बीजेपी से पैसे लिए हैं।”
उनके इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने कहा कि उसने पाया है कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें प्रचार करने से 24घंटे के लिए रोक लगा दी। ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार पर आज रात आठ बजे से कल रात आठ बजे तक के लिए रोक लगा दिया है।
गौरतलब हो कि, पश्चिम बंगाल में चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है। पांचवें चरण के लिए 17 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। छठे चरण के लिए 22 अप्रैल, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। नतीजों की घोषणा 2 मई को होगी।