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UP Police के शांत होते ही ED बनी मुख्तार अंसारी की परेशानी- जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई

UP Police के शांत होते ही ED बनी मुख्तार अंसारी की परेशानी

उत्तर प्रदेश के पुर्वाचल के माफिया रहे बाहुबली मुख्तार अंसी इस वक्त बांदा जेल में बंद है। मुख्तार की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं, योगी सरकार लगातार एक्शन में है। अवैध जमीनों पर कब्जे से लेकर अवैध मकानों तक पर योगी सरकार का बुलडोजर चल चुका है। अब खबर है कि मुख्तार अंसारी औऱ अतीक अहमत की संपत्तियों पर ईडी नजर बनाए हुए है। कभी भी बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।

मुख्तार अंसारी के साथ साथ अतीक अहमद की भी संपत्तियां ईडी के रडार पर है। ऐसा लग रहा है कि यूपी पुलिस के शांत होते ही अब ईडी कोई बड़ा एक्शन करते हुए नजर आएगी। दरअसल, दोनों माफिया के खिलाफ प्रयागराज में केस दर्ज करके ईडी उनकी संपत्तियों की छानबीन कर रही है। अवैध रूप से कमाई गई सम्पतियों की सूची बनाकर ईडी उन्हें अटैच करेगी। ईडी की टीम जल्द ही मुख्तार से बांदा जेल और अतीक से गुजरात की साबरमती जेल में पूछताछ भी करेगी। इसके लिए कोर्ट से अनुमति लेने की तैयारी की जा रही है।

पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारी दोनों माफियाओं से उनकी आय और संपत्तियों के स्रोत के बारे में पता लगाएंगे। दोनों ने किस तरह अरबों रुपए का आर्थिक साम्राज्य खड़ा किया, उनके कौन-कौन से कारोबार हैं, आय के मुख्य स्त्रोत क्या-क्या हैं? इस बारे में ईडी जानकारी जुटाएगी।

बीते तीन महीनों में देखा जाए तो उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुख्तार अंसारी और उसके गैंग के सदस्यों की 222 करोड़ रुपए और अतीक वह उसके गैंग के सदस्यों की करीब 350 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त कर चुकी है। अब ईडी ने दोनों के खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर प्रयागराज में केस दर्ज किया था। इस बीच यूपी पुलिस और प्रयागराज व मऊ के स्थानीय प्रशासन ने दोनों माफिया की अरबों रूपये की संपत्तियों को जब्त कर लिया अथवा उनको जमीदोंज करा दिया।

दोनों के खिलाफ ईडी ने केस दर्ज कर उनकी संपत्तियों, कंपियों और बैंक खातों की पड़ताल शुरू करने के साथ ही यूपी पुलिस से दोनों की जब्त की गई संपत्तियों का ब्योरा भी मांगा है। इसकी जानकारी मिलने के बाद ईडी इनमें से कई संपत्तियों को अटैच कर सकती है। इसमें मुख्तार की मऊ, बनारस, लखनऊ स्थित कई संपत्तियां शामिल हैं। वहीं, अतीक अहमद की प्रयागराज, कौशांबी और लखनऊ में कई संपत्तियां शामिल हैं।