कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने अभी भी लोगों को अपना शिकार बना रही है, लेकिन पहले के मुकाबले अब केस सामने आ रहे है। धीरे-धीरे लोग कोरोना को हराने में सफल हो रहे है। लेकिन पिछले कुछ महीनों ने दूसरी लहर ने अपना जमकर कहर बरपाया। कई लोगों की जान चली गई। इस कड़ी में अब सरकार उन बच्चों की देखरेख में जुटी है, जो दूसरी लहर में अनाथ हो गए। इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों मिलकर काम कर रही है। ऐसे बच्चों को पालने का जिम्मा अब सरकार का है।
इस कड़ी में अब बीजू जनता दल सांसद डॉ अमर पटनायक ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से अपील की है कि कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को देश के किसी भी केंद्रीय विद्यालय में, किसी भी कक्षा में किसी भी कोटे और किसी भी स्वीकृत संख्या से अधिक सीटों पर मुफ्त प्रवेश देने पर विचार किया जाए। उन्होंने मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को इसके संबंध में पत्र लिखा है। आपको बता दें कि कोविड-19 की वजह से अपने माता- पिता को खो चुके अनाथ बच्चों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी किया है।
BJD MP Dr. Amar Patnaik to Union Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank, requesting him to "consider giving free admission beyond any quota and any sanctioned number of seats in any Kendriya Vidyalaya in the country, in any class" to children orphaned due to #COVID19 pic.twitter.com/UwmnCvUL8C
— ANI (@ANI) June 16, 2021
गाइडलाइन के मुताबिक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बच्चों को अवैध रूप से गोद लेने वाले गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से अनाथ बच्चों की शिक्षा जारी रखने के लिए प्रावधान करने को कहा है। इस कड़ी में पंजाब सरकार ने अनाथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया है। पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने हाल ही में कहा था कि विभाग को राज्य के कुल 23 बच्चे मिले है, जिन्होंने 31 मार्च, 2020 से 31 मई 2021 की अवधि के बीच अपने माता-पिता दोनों को कोरोना महामारी से खो दिया है।
पंजाब सरकार 1 जुलाई से कोविड महामारी में अनाथ हुए सभी बच्चों को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में 1,500 रुपये प्रति माह प्रदान करेगी। प्रभावित व्यक्ति आशीर्वाद योजना के तहत 51,000 रुपये के अनुदान के लिए भी पात्र होंगे और राज्य स्मार्ट राशन कार्ड योजना के तहत मुफ्त राशन और सरबत सेहत बीमा योजना के तहत कवरेज के हकदार होंगे। राज्य सरकार घर-घर रोजगार और कारोबार मिशन के तहत प्रभावित परिवार के सदस्यों को उपयुक्त नौकरी खोजने में भी सहायता करेगी।