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Jammu and Kashmir: 'सौभाग्य' से रोशन हुए 44 गांव

Jammu and Kashmir: 'सौभाग्य' से रोशन हुए 44 गांव

आजादी के 70 साल बाद भी देश के कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बिजली नहीं पहुंची। कुछ दुर्गम तो कुछ सुदूर जगहों पर बसे हैं। कारण कुछ भी हो लेकिन बिजली अब जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। जम्मू-कश्मीर में भी पहाड़ों पर बसे कई ऐसे गांव हैं, जो अब तक रोशन नहीं हो पाए थे। लेकिन अब ये 'सौभाग्य' से मुमकिन हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही ये योजना दूर-दराज और दुर्गम जगहों पर बसे गांवों को रोशन कर रही है।
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<p dir="ltr" lang="en">J&amp;K: Villagers in far-flung hilly border areas of Nowshera sub-division in Rajouri get electricity under govt's Saubhagya Scheme.</p>
"We're grateful to govt. Earlier, our children couldn't study. We had to go to another village to get phones charged," says Abdul Hamid, Resident. <a href="https://t.co/8PqhYQ2rYT">pic.twitter.com/8PqhYQ2rYT</a>

— ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1325639514346319872?ref_src=twsrc%5Etfw">November 9, 2020</a></blockquote>
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सौभाग्य स्कीम के तहत जम्मू-कश्मीर के राजौर जिले के नौशेरा तहसील में पहाड़ों पर बसे तकरीबन 44 पंचायतों में बिजली की सप्लाई दी गई। आजादी के इतने वर्षों बाद भी ये गांव शाम ढलने के बाद अंधेरे में डूब जाते थे।

इन 44 पंचायतों में तकरीबन 1500 घर हैं। ऊर्जीकृत होने के बाद से स्थानीय लोगों में काफी खुशी है। सौभाग्य स्कीम के तहत गरीब परिवारों को निशुल्क बिजली कनेक्शन दिया जाता है।

हाल ही में कुपवाड़ा जिले के तीन गांवों को ऊर्जीकृत किया गया था। केरन, मुंडियन और पटरू गांव बर्फबारी के दिनों में छह महीने तक संपर्क से कट जाते थे। यहां रहने वाले 1400 लोगों को हर समय पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली गोलाबारी का भी खतरा रहता है। लेकिन कश्मीर बिजली वितरण निगम लिमिटेड के दो वर्ष के अथक प्रयास के बाद इन तीनों गांवों को रोशन किया जा चुका है। 33 केवी सब-स्टेशन बनाकर यहां बिजली पहुंचाई गई है।.