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Kargil War1999: Israel का बड़ा खुलासा, Pakistan Army की धज्जियां उड़ाने में ऐसे की थी भारत की मदद

पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाने में ऐसे की थी इजरायल ने भारत की मदद

26 जुलाई यानी आज कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ देशभर में मनाई जा रही है। वर्ष 1999 में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल का यह युद्ध तकरीबन दो माह तक चला, जिसमें द्रास सेक्टर में छिपे पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारत के जवानों में मार भगाया। भारतीय सेना ने अदम्य साहस से जिस तरह कारगिल युद्ध में दुश्मन को खदेड़ा, उस पर हर देशवासी को गर्व है। भारत और इजरायल के बीच दोस्ती काफी अच्छी है और इस युद्ध की दौरान भी इजरायल ने भारत की काफी मदद की थी। आज 22 साल के बाद इजरायल ने ये खुलासा किया है कि उसने भारत की कैसे मदद की थी।

22 साल बाद इजरायल का खुलासा

इजरायल ने इस खुलासे को 22 साल बाद किया है। कारगिल युद्ध में भारक की किस तरह से मदद की थी इस पर इजरायल ने खुलकर बोला है। भारत में स्थित इजरायली दूतावास ने ट्वीट कर बताया कि, "जंग के दौरान इजरायल ने भारत को मोर्टार और गोला-बारूद देकर सहायता की थी। इजरायल ने कहा कि वह उन चुनिंदा देशों में से एक था जिसने कारगिल युद्ध के दौरान भारत की प्रत्यक्ष रूप से मदद की थी"।

लड़ाकू विमानों के लिए भेजा था गाइडेड मिसाइलें

इसके अलावा इजरायली दूतावास ने कहा है कि, इस युद्ध के दौरान उसने भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के लिए जेर गाइडेड मिसाइलें दी थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबावों के बावजूद इजरायल ने कारगिल में घुसपैठ के पहले ऑर्डर दिए गए हथियारों की शिपमेंट को जल्द से जल्द भारत को सौंपा था। इसमें इजरायल के हेरोन अनमैंड एरियल वीकल (यूएवी) की डिलीवरी भी शामिल है।

बता दें कि, कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल ने भारत की काफी ज्यादा मदद की थी। इसके साथ ही भारत को इस युद्ध के दौरान अपनी कई ऐसी खामियों के बारे में पता चला, जिसका समाधान तुरंत नहीं था। इंडिया के पास दुश्मनों के बंकरों पर सटीक निशाना लगाने वाले न तो बम थे और न ही उनके पोस्ट की जासूसी करने वाले टोही विमान। ऐसे में भारतत के जवान बस ग्राउंड इंटेलिजेंस के भरोसे ही पाकिस्तानी सेना से युद्ध लड़ रही थी। वहीं के चरवाहों द्वारा जो जानकारी मिलती उस आधार पर सेना अपनी रणनीति तैयार कर युद्ध लड़ रही थी।

इजरायल ने तुरंत की थी भारत की मदद

लेकिन इसी बीच इजरायल आगे आते हुए भारत को तुरंत हथियार और गोला-बारूद के जरिए मदद करने का ऐलान कर दिया। दोनों-देशों में नए हथियारों की खरीद का समझौता हुआ, जिसमें इजरायल ने सबसे अधिक टैक्नोलॉजी से लैस अपने हेरोन ड्रोन को भारत को सौंपा था। इसके साथ ही इस ड्रोन को ऑपरेट करने के लिए इजरायल ने भारतीय कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया।

कारगिल युद्ध में इजरायली लेजर गाइडेड बमों ने पाकिस्तानियों का किया काम तमामा

भारतीय सेना नीचे की ओर से ऊपर चढ़ रही थी। पाकिस्तानी सेना कारगिल की पहाड़ियों के ऊपर मजबूत बंकरों में छिप कर बैठे हुए थे, जो इतने मजबूत थे कि नीचे भारतीय सेने तोड़ नहीं पा रही थी। और उस दौरान इंडियन एयरफोर्स के पास उस दौरान कोई ऐसा बम नहीं था, जो दूर से पाकिस्तानी सेना के इन बंकरों पर एकदम सटीकता से निशाना लगा सके। ऐसे में इजरायल ने भारत को लेजर गाइडेड बम मुहैया करया। इन बमों को मिराज 2000 लड़ाकू विमानों पर फिट किया गया। जिसके बाद पाकिस्तानी बंकरों को एक के बाक एक बर्बाद कर दिया गया और मां भारती के सपूतों ने फिर से सारे चौकियों पर कब्जा करते हुए तीरंगा लहराया।