यूपी के फर्जी मदरसों पर योगी सराकर ने एक्शन स्ट्राइक शुरु हो गई है। अब तक 300 ऐसे मदरसे पकड़े गए हैं जहां भारी हेराफेरी की जा रही थी। इन मदरसों के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इनकी गिरफ्तारी की कोशिशें की जा रही हैं। मजहब की आड़ में मुसलमानों को फुद्दू बनाने का यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के लगभग 683मदरसों में तीन सौ मदरसे ऐसे हैं, जहां पर शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर कागजों में हेरफेरी की गई है। जिन तीन सौ मदरसों में अनियमितता पायी गई है उसमे सौ ऐसे मदरसे थे जिन्हे सरकार से सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही थीं। इनमें शिक्षकों की सैलरी से लेकर सभी जरूरी सहूलियतें शामिल हैं।
भौतिक सत्यापन में पाया गया कि कई मदरसे ऐसे हैं जो सिर्फ कागजो में संचालित हैं, जमीन पर मदरसे का कोई अस्तित्व ही नहीं है। कुछ मदरसे ऐसे हैं जहां नियमों को ताक पर रखकर एक ही घर के सभी लोग शिक्षक नियुक्त हो गए हैं। इस तरह से मदरसों के नाम पर मान्यता लेकर फर्जीवाड़ा करके सरकार को करोड़ों की चपत लगायी जा रही थी।
भौतिक सत्यापन में करीब 100ऐसे फर्जी मदरसे पकड़ में आए, जो सिर्फ कागजों में मौजूद थे, जिनका जमीन पर कोई अस्तित्व ही नहीं था। भौतिक सत्यापन कराने पर पता चला कि मदरसे जिस इलाको में कागजों में दर्शाए गए हैं वहां पर मदरसे का कोई वजूद ही नहीं है। ऐसे में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने लगभग तीन सौ मदरसों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की थी, जिसकी जांच योगी सरकार ने एसआईटी से करायी है।