पोएटिक फॉर जस्टिस फाउंडेशन (PJF) और उसके को-फाउंडर मो धालीवाल का सच सामने आया है। एक वीडियो के जरिए धालीवाल लोगों को साफ तौर पर भड़का रहा है। अब साफ हो गया है कि PJF और धालीवाल की ओर से देश में चल रहे किसानों के आंदोलन के नाम पर प्रोपेगेंडा फैलाकर भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की साजिश चल रही है।
धालीवाल और उसके संगठन PJF पर खुफिया एजेंसियों ने उस वक्त नोटिस किया जब पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट ट्वीटर पर सामने आई। जिसमें 26 जनवरी को ग्लोबल प्रदर्शन की बात कही गई थी। वहीं, धालीवाल अपने वीडियो में कहता नजर आ रहा है कि कल तीनों कृषि बिल वापस ले लिया जाए यह जीत नहीं है। लड़ाई यहीं से शुरू होती है, यहां खत्म नहीं होती। कोई भी आपसे यह नहीं कहने जा रहा कि कृषि कानूनों की वापसी से आंदोलन खत्म हुआ। यह इसलिए क्योंकि वे (सरकार) आंदोलन को खत्म कराना चाहती है। वे आपको बता देना चाहती है कि आप पंजाब से अलग हो और आप खालिस्तान आंदोलन से अलग हो। जो आप नहीं हो।
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने ट्वीटर के माध्यम से देश विरोधी षडयंत्र के खिलाफ मामला दर्जा किया है। जिसमें किसी का नाम नहीं लिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह वीडियो पिछले दिनों के ट्वीट के बैकग्राउंड की कहानी है। जो पब्लिक ओपिनियन और सोशल मीडिया पर लोगों को भारतीय आंदोलन के खिलाफ तैयार करने का काम कर रही है। किसान आंदोलन तो एक बहाना है उनका मकसद विभाजनकारी एजेंडे के लिए समर्थन प्राप्त करना है।
इस वीडियो में धालीवाल अपने नौजवान समर्थकों से अपील करता हुआ दिखाई देता है कि खालिस्तान की मांग के लिए तैयार रहें। उसका कहना था कि खालिस्तानी लोग किसान आंदोलन को लेकर इतने उत्सुक क्यों हैं क्योंकि 40-50 साल पहले हमने एक सत्य को देखा था। हम आजाद भूमि की मांग कर रहे थे। हमें वर्तमान आंदोलन के हिसाब से नहीं चलना होगा। मेरा सभी नौजवान लोगों से विनती है कि अपनी आंखे मत बंद रखो…. हमें संकेत समझना होगा। खालिस्तान बुरा शब्द है तो इसके बारे में सवाल करें, पढ़ें, समझें, कोई भी आतंकवादी नहीं बनना चाहता। वे (सरकार) हम लोगों को एक-दूसरे से दूर करना चाहते हैं। हम यहां पर पंजाब की आजादी के लिए हैं।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने हाल ही में बताया था कि उसने पाकिस्तान से संचालित 300 ट्वीटर हैंडल की पहचान की है। जो सपोर्ट खालिस्तान हैशटैग से ट्वीट कर रहे थे। और दिल्ली बार्डर पर लोगों को इक्ट्ठा होने की अपील कर रहे थे।
कौन है मो धालीवाल?
मो धालीवाल कनाडा के वैंकूवर में रहता है और उसका चाचा खालिस्तानी आतंकी रह चुका है, जिसे पंजाब पुलिस ने 1984 में एनकाउंटर में मार गिराया था। 26 जनवरी 2021 को भी धालीवाल ने कनाडा में स्थित भारतीय कॉन्सुलेट्स के सामने प्रदर्शन किया था और कहा था कि असली लड़ाई भारत के टुकड़े करना है।
दिल्ली पुलिस ने गूगल से मांगा जवाब
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गूगल (Google) से जवाब मांगा है। ईमेल के जरिए गूगल से पूछा गया है कि टूलकिट का IP एड्रेस क्या है? बता दें की ये टूलकिट गूगल ड्राइव के जरिए शेयर की गई थी, इसलिए गूगल से जवाब मांगा जा रहा है।