सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली से हरियाणा जाते हुए किसानों ने एक तरफ का रास्ता खाली कर दिया है। रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने मेल कर दिल्ली पुलिस से इस रास्ते पर उनके द्वारा लहाए बैरिकेड हटाने का आग्रह किया है। जिससे कोरोना महामारी के इश समय में इस रास्ते से एंबूलेंस व आपात सेवाओं में ऑक्सीजन, दवाएं आदि सामान में लगे वाहन आवाजाही कर सकें। अभी यह वापस आसपास के अन्य बॉर्डरों से करीब पांच किलोमीटर घूमकर आते-जाते हैं।
एसकेएम ने अपने एक बयान में कहा कि किसानों ने दिल्ली की सिंघु सीमा पर राजमार्ग के एक और का रास्ता कोविड-19 संकट के मद्देनजर ऑक्सीजन टैंकरों और एम्बुलेंस का निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए खाली कर दिया गया है। पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तरी दिल्ली को लिखे पत्र में उसने अनुरोध किया कि सिंघु बॉर्डर पर राजमार्ग के एक ओर से अवरोधक हटाए जाएं, ताकि दिल्ली तक आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति हो सके।
वहीं किसान नेताओं ने कहा कि टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरने पर टीकाकरण व अन्य जरूरी सेवाओं के लिए कैम्प लग गया है। सिंघु बॉर्डर पर किसानों को मास्क बांटे जा रहे हैं। किसान नेताओं के मुताबिक दिल्ली की सीमाओं पर उनके संघर्ष को 150 दिन पूरे हो चुके हैं। किसान तीनों कृषि कानून रद्द करवाकर ही वापस जाएंगें।
इससे पहले दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने इन आरोपों को दुष्प्रचार कहकर खारिज कर दिया कि वे चिकित्सीय ऑक्सीजन के वाहनों को शहर में नहीं जाने दे रहे हैं और कोविड-19 मरीजों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। भाजपा सासंद प्रवेश वर्मा ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में चिकित्सीय ऑक्सीजन की ढुलाई किसानों द्वारा सड़क जाम कर दिए जाने के कारण प्रभावित हुई है।
संयुक्ता किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन के पहले दिन से ही उन्होंने आपात सेवाओं के लिए एक तरफ का मार्ग खुला छोड़ रखा है। मोर्चा ने कहा एक भी एंबुलेंस या जरूरी वस्तु सेवा को नहीं रोका गया है। किसान नहीं, बल्कि यह सरकार ही है जिसने मजबूत और बहुस्तरीय बैरीकेड लगा दिए हैं। किसान मानवाधिाकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और वे हर मानव के अधिकार का समर्थन करते हैं।