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26 जनवरी को आंदोलन को लेकर जो मंशा है त्यागें किसान: तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर। (फाईल फोटो)

राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी को किसानों के आंदोलन करने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आग्रह किया कि उस दिन आंदोलन को लेकर जो मंशा है उसे त्यागें। उनके पास आंदोलन के लिए 365दिन हैं, इस दिन के अलावा किसी और दिन आंदोलन करेंगे तो बेहतर रहेगा। उनका कहना था- आशा है कि गणतंत्र दिवस की गरिमा किसान बनाए रखेंगे।

तोमर का कहना है कि कोई कानून पूरी तरह से खराब नहीं होता है, पूरी तरह से कानून वापस लेने की मांग उचित नहीं है। जिन प्रावधानों पर किसान संगठनों को आपत्ति है, उसपर बिंदुवार चर्चा होनी चाहिए। साथ ही उनका कहना था किसरकार के प्रस्ताव किसान संगठनों के सामने विचाराधीन है, वे उसपर विचार करके हमें बताएंगे, कोई नया प्रस्ताव है तो वो भी बताएंगे।

वहीं, एनआईए के मसले पर उनका कहना था कि एनआईए के केस दर्ज करने का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। तोमर का कहना है कि किसान और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो गईं लेकिन किसान संगठन हमसे बात करके जाते हैं और अगले दिन उनके सुर बदल जाते हैं। जो बड़ी विडंबना है।

उनका कहना था कि किसानों के प्रति गुस्सा होने की कोई आवश्यकता नहीं है। अगर किसान या किसान संगठन से बात होगी तो किसानों के हित-अहित की बात होगी। वहीं, आंदोलन को लेकर उनका साफ कहना है कि कोई अदृश्य ताकत है, जो आंदोलन समाप्त नहीं होने देती, वार्ता बिगाड़ देती है। जबकि सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है, सरकार किसान संगठनों का सम्मान करती है। मुझे इस बात का दुख है किसान संगठन सिर्फ कानून खत्म करने की बात करते हैं, लेकिन कानून के लाभ और हानि पर चर्चा नहीं करते। इसी वजह से चर्चा का कोई फल नहीं निकला।

कृषि मंत्री ने कहा, एक लंबे समय में कृषि का लेकर सुधार नहीं हो पाए, नरेंद्र मोदी के नेृतृत्व में कृषि सुधार बिल पास कराए गए। इससे किसानी के क्षेत्र में अमूल-चूल बदलाव आए। इस लिहाज से सरकार प्रयासरत है। लेकिन अड़ियल रवैये से सुधार का रास्ता प्रभावित है।