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कृषि कानूनः आंदोलनकारियों के तेवर तीखे, गाजीपुर बॉर्डर पर बुलाए पहलवान

कृषि कानूनः आंदोलनकारियों के तेवर तीखे, गाजीपुर बॉर्डर पर बुलाए पहलवान

दिल्ली से सटे बॉर्डर पर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से किसान नए कृषि कानूनों का विराध कर रहे हैं। किसान सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अलग-अलग तरीका अपना रहे हैं। कभी ट्रैक्टर रैली तो कभी नंगे बदन प्रदर्शन। रविवार को नोएडा-चिल्ला बॉर्डर पर किसानों ने आपस में कुश्ती करके जोर-आजमाइश की। नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का अलग ही रंग दिख रहा है। गद्दे बिछे हैं और कुश्ती का खेल चल रहा है। किसान ही कुश्ती लड़ने वाले हैं, किसान ही रेफरी और किसान ही दर्शक।

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इस तरह से किसान मनोरंजन का मनोरंजन, फिट इंडिया मुहिम का भी एक तरह से समर्थन। कुश्ती किसलिए, इस पर किसानों का कहना है कि ताकत का प्रदर्शन जरूरी है। इसके जरिए वे सरकार को अपना बल दिखाना चाहते हैं। किसानों की इस कुश्ती में युवा तो युवा, बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहे। उनका भी जोश हाई है और वे भी कश्ती के दांव-पेच की कला दिखाने में पीछे नहीं।

किसान इस आंदोलन को लंबा खिचना चाहते हैं इसलिए वो आंदोलन में नयापन लाने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि किसान आंदोलन का आज (10 जनवरी) 46वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान अब भी केंद्र सरकार से दूरी बनाए हुए हैं।.