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किसान आंदोलन: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आंदोलनकारी नेताओं में पड़ी फूट!

किसान आंदोलन: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आंदोलनकारी नेताओं में पड़ी फूट!

कृषि कानूनों को होल्ड करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जहां कुछ किसान संगठनों स्वागत किया है तो कुछ ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। इस फैसले के बाद आंदोलनकारी संगठनों की राय भी अलग-अलग देखने को मिली है। जहां यह सोचा जा रहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से <a href="https://hindi.indianarrative.com/india/kisan-andolan-2020-government-agree-to-include-msp-in-agriculture-reforms-19922.html"><span style="color: #333399;"><strong>किसान आंदोलनकारी</strong></span></a> नेता एकजुट होकर खुशी मनाएंगें वहीं अब इन सब में फूट पड़ती नजर आ रही है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों की एक कमेटी का गठन कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया है। कमेटी को लेकर किसान संगठनों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है। अदालत में किसानों की ओर से एम एल शर्मा ने कहा कि किसान कमेटी के पक्ष में नहीं हैं, हम कानूनों की वापसी ही चाहते हैं। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो कानून सस्पेंड करने को तैयार हैं, लेकिन बिना किसी लक्ष्य के नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसान समस्या का हल चाहते हैं तो उन्हें कमेटी में पेश होना होगा।

<strong>कोर्ट ने कहा कि समिति इसलिए बनाई जा रही है ताकि इस मुद्दे को लेकर तस्वीर साफ हो, हम ये बहस नहीं सुनेंगे कि किसान समिति के सामने पेश नहीं होंगे। कोर्ट ने कहा कि ये कमेटी हमारे लिए होगी, ये कमेटी कोई आदेश नहीं जारी करेगी बल्कि आपकी समस्या सुनकर हम तक एक रिपोर्ट भेजेगी। इस बीच, भारतीय किसान संघ ने कमेटी बनाने का समर्थन किया है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राजवीर सिंह जादौन ने कहा, हम कोर्ट से अपेक्षा करेंगे कि कानूनों को खत्म करने का आदेश दे और </strong><a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Minimum_support_price_(India)"><span style="color: #333399;">MSP</span></a><strong> पर कानून बने।</strong>

सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि चारों वकील कहां हैं, जो कल तमाम किसान संगठनों कि ओर से पेश हुए थे। साल्वे ने कहा कि यह चिंता कि विषय कि है कि 400 किसान संगठन की ओर से पेश हुए 4 वरिष्ठ वकील आज सुनवाई में नहीं आए। बता दे कि किसान संगठन की ओर से कल अदालत में पेश हुए दुष्यंत दवे, एच एस फुल्का, प्रशांत भूषण और कॉलिन गोंसॉलविस आज मौजूद नहीं थे।.