कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के मोदी सरकार के प्रयासों को दुनिया भर में सराहा जा रहा है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि देश 2022 तक अपने सभी लक्ष्य पूरे कर लेगा। इनमें पहला लक्ष्य हर खेती-किसानी के निजी क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश हासिल करना, भारत को फूड बास्केट बनाना और हर 100 करोड़ के निवेश पर कम से कम 3000 लोगों को रोजगार सुनिश्चित करना है।
खाद्यान्न में आत्मनिर्भर भारत के सामाने अब अपनी आवश्यकता से अधिक कृषि पैदावार का मूल्यवर्धन कर उसे दुनिया के बाजारों में बेचने की चुनौती है, जिससे देश के किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिल सके। इसलिए मोदी सरकार ने 'आत्मनिर्भर कृषि-2025' के राष्ट्रीय लक्ष्य तहत देश के किसानों को उद्यमी बनाने के साथ-साथ भारत को दुनिया के लिए 'फूड बास्केट' बनाने की परिकल्पना की है। सरकार ने 2022 तक कृषि उत्पादों का निर्यात दोगुना बढ़ाकर 60 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है।
कोरोना काल में भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्रमुखता देते हुए इस क्षेत्र में सुधार के लिए अध्यादेश लाकर नीतिगत बदलाव किए और 'आत्मनिर्भर कृषि-2025' के तहत चार राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से आत्मनिर्भर कृषि-2025 के लक्ष्य और इसे हासिल करने की पूरी योजना का खाका हाल ही में मुख्यमंत्रियों के साथ सम्मेलन में पेश किया गया।
इसके तहत पहला लक्ष्य उच्च आय और जीवन की बेहतर गुणवत्ता के साथ किसानों को उद्यमी बनाना और उनकी आमदनी दोगुनी करना है। दूसरा लक्ष्य, भारत को फूड बास्केट बनाना है और 2022 तक कृषि निर्यात 60 अरब डॉलर करने के लक्ष्य को हासिल करना है।
कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर जब देशभर में पूर्ण बंदी थी उस समय भी कृषि और संबद्ध क्षेत्र में किसानों का सारा काम चल रहा था, क्योंकि सरकार ने फसलों की कटाई, बुवाई से लेकर खेती-किसानी के तमाम कार्यों को छूट दे रखी थी। दिलचस्प बात यह है कि कोरोना काल में भारत से कृषि उत्पादों के निर्यात में पिछले साल से 23.24 फीसदी का इजाफा हुआ।
कोरोना काल में किसानों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार ने एक के बाद एक कई फैसले लिए। इसी क्रम में कोल्ड स्टोरेज, भंडारण, कोल्ड चेन आदि की बुनियादी सुविधा विकसित करने के मकसद से सरकार ने एक लाख रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्च र फंड बनाया है। दरअसल, सरकार का मकसद कृषि और संबद्ध क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देना है।
आत्मनिर्भर कृषि के लक्ष्यों में तीसरा लक्ष्य कृषि के क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करना है। इसके अलावा, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार व उद्यमिता के अवसर पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि 100 करोड़ रुपये के निवेश पर तकरीबन 3,000 नौकरियां पैदा हों।.