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चीन के आगे चट्टान की तरह डटे रहे शहीद कर्नल संतोष को ‘महावीर चक्र’, गलवान घाटी से एक-एक चीनियों को खदेड़ा था

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राष्ट्रपति भवन में आज रक्षा अलंकरण समारोह में वीर सैनिकों को वीरता मेडल से नवाजा गया। आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया। ये वीरता मेडल उनकी मां और पत्नी को दिया गया। आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी को लेकर कई दौर की बातचीत की गई थी। ताकि शांति स्थापित हो सके, लेकिन चीन अपनी अकड़ में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था।  

चीन के खिलाफ गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो-लैपर्ड चलाया गया और घुसपैठ को नाकाम करने की पूरी कोशिश में कर्नल संतोष बाबू ने अपनी जान की बाजी लगा दी और वो शहीद हो गए। कर्नल संतोष बाबू बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। इस ऑपरेशन में 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए। इसमें चीनी सेना को भी इस संघर्ष में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। चीन ने अभी तक हताहत हुए सैनिकों के आंकड़े का खुलासा नहीं किया है, लेकिन चीन ने इसी साल अपने पांच सैनिकों को गलवान घाटी की हिंसा के लिए वीरता मेडल से सम्मानित किया था। इनमें से चार को मरणोपरांत सम्मानित किया गया था। 

चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए चार अन्य जवानों को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

5 जवान 'वीर चक्र' से सम्मानित

नायब सूबेदार नूदूराम सोरेन

हवलदार के. पिलानी

नायक दीपक कुमार

सिपाही गुरतेज सिंह

हवलदार तेजेंद्र सिंह