राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) से जुड़े सहयोगी संगठनों ने ऑनलाइन शिक्षा से गरीब बच्चों को जोड़ने की दिशा में उन्हें तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराने की तैयारी की है। दलित और वनवासी इलाकों में जरूरतमंद बच्चों का सर्वे कर संघ सामाजिक सहभागिता के जरिए उन तक संसाधन पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। ताकि सुदूर इलाकों में रहने वाले बच्चे ऑनलाइन शिक्षा में न पिछड़ें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले संगठन 'शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास' के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने आईएएनएस को बताया, "ट्राइबल एरिया के बच्चों के पास ऑनलाइन शिक्षा के संसाधन न होने की दिक्कतें सामने आईं हैं। ऐसे में संगठन ने सामाजिक सहभागिता के जरिए बच्चों को संसाधन उपलब्ध कराने की कोशिशें शुरू की हैं। समाज के समर्थवान लोगों को इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। ताकि उनकी ओर से दान किए टैबलेट जरूरतमंद बच्चों को दिए जाएं।"
आरएसएस प्रचारक और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने गुजरात सरकार की उस योजना की सराहना की, जिसमें सिर्फ एक हजार रुपये कीमत में स्कूली बच्चों को टैबलेट मिलता है। अतुल कोठारी के अनुसार इस तरह की योजनाएं भी राज्यों की सरकारें चलाकर जरूरतमंद छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा की राह आसान कर सकतीं हैं।
अतुल कोठारी ने आईएएनएस से कहा, "किसी भी नई व्यवस्था में कठिनाइयां तो आएंगी मगर डरने से काम नहीं चलने वाला। मॉडर्न एजूकेशन(आधुनिक शिक्षा) समय की जरूरत है, इस दिशा में ठोस कोशिशें सरकार और समाज दोनों स्तर से चलनी चाहिए।".