सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर Mi-17V5 तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हो गया था। इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सेना के कई अधिकारियों की भी मौत हो गई। सीडीएस बिपिन रावत जिस हेलीकॉप्टर से तमिलनाडु के वेलिंगटन जा रहे थे उसमें उनकी पत्नी अलावा दो सैन्य अफसर, जवान और हेलीकॉप्टर के चालक दल में शामिल सदस्य मौजूद थे। जनरल बिपिन रावत समेत हादसे के शिकार सभी लोगों को देश नम आंखों से याद कर रहा है।
सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले थे। जैसे देश की सेवा और सुरक्षा के लिए सीडीएस बिपिन रावत तत्पर रहते थे वैसे ही अपने गांव के लिए भी उनके बड़े बड़े सपने थे। सीडीएस बिपिन रावत के चाचा भरत सिंह ने बताया कि वो यहां स्कूल खोलना चाहते थे। 3 साल पहले जब वो यहां आए थे तो सड़क बनवाने की बात कही थी।
ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर को दिसंबर 1990 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जेएकेआरएफ) में शामिल किया गया था। ब्रिगेडियर लिद्दर ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ जेएकेआरएफ की एक बटालियन की कमान संभाली थी। उन्होंने भारत की उत्तरी सीमाओं पर एक ब्रिगेड की कमान भी संभाली। उन्होंने सैन्य संचालन निदेशालय में निदेशक के रूप में कार्य किया। ब्रिगेडियर लिद्दर जनवरी 2021 से सीडीएस के रक्षा सहायक थे। उन्हें मेजर जनरल रैंक देने को मंजूरी दी जा चुकी थी। उन्हें एक डिविजन का प्रभार संभालना था।
हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर की बेटी और पत्नी गीतिका लिद्दर शाम एयरपोर्ट पर पहुंची। बेटी की आंखों में आंसू उनके दुख से कही अधिक मर्माहत करने वाले थे।
सीडीएस बिपिन रावत की दो बेटियां हैं। एक बेटी का नाम कृतिका रावत है। गुरुवार को जब पालम एयरपोर्ट पर पापा का शव पहुंचा तो दोनों बेटियां एक दूसरे का हाथ थामे खड़ी थी। ऐसा लग रहा था कि विपदा की इस घड़ी में वे एक दूसरों को संबल दे रही हों।
ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर की पत्नी गीतिका लिद्दर अपनी बेटी को सहारा देती दिखीं। इस दौरान बेटी भी मां के कंधे पर सिर रखते हुए अपने दुख को कम करने की कोशिश कर रही थी।