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Ghazipur Border: टेंट हटा रहा प्रशासन, जल्द ही सरेंडर कर सकते हैं किसान नेता राकेश टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत। (फोटो...गूगल)

गाजीपुर बॉर्डर से प्रदर्शन को पूरी तरह समेटने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से वहां गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार, बचे हुए किसानों को यहां से हटाने के लिए प्रशासन टेंट को हटाने में जुट गया है। साथ ही खबर आ रही है कि किसान नेता राकेश टिकैत जल्द ही सरेंडर कर सकते हैं। वहीं, इससे पहले धरना खत्म करने के लिए गाजियाबाद प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने राकेश टिकैत को समझाया।

गाजियाबाद के डीएम का किसानों को आदेश

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने किसानों को धरनास्थल खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। बता दें कि अब से कुछ देर पहले योगी सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को धरना खत्म कराने के निर्देश दिए थे। यूपी गेट पर धरनास्थल को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किसानों को अल्टीमेटम दे दिया गया है।

धरनास्थल आज रात तक खाली हो सकता है। जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। धरनास्थल को खाली कराने की जिला प्रशासन के द्वारा पूरी तैयारी की गई है। वहीं, सिंघु बॉर्डर पर हलचल तेज हो गई है। बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये लोग स्थानीय लोग हैं और 26 जनवरी को जो कुछ हुआ उसके बाद ये नहीं चाहते कि किसान यहां पर प्रदर्शन करें।

विचार से खत्म होगी लड़ाई, लाठी, डंडे से नहीं: राकेश टिकैत

गुरुवार को दोपहर में किसान नेता राकेश टिकैत का कहना था कि अगर सरकार को इस आंदोलन को नहीं चलने देना है तो यहां से हमें गिरफ्तार करे। उन सभी ट्रैक्टर सवार किसानों का धन्यवाद जो यहां आए, उन्हें जो रूट दिया गया। उन किसानों को दिल्ली के चक्रव्यूह में फंसाया गया। राकेश टिकैत ने कहा कि जिन्होंने उल्टे सीधे ट्रैक्टर घुमाए उनसे हमारा कोई संबंध नहीं है।

टिकैत ने कहा कि हिंसा का शब्द हमारी डिक्शनरी में ना है और ना रहेगा। लाल किले में जो कुछ भी हुआ उससे आंदोलन को तोड़ने की साजिश रची गई। प्रशासन अपनी चाल में कामयाब हो गया। जो जत्था वहां पहुंचा था, उन्हें पुलिस बैरिकेडिंग पर नहीं रोका गया। अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें जाने दिया गया। उनके धार्मिक भावनाओं को भड़काकर एक धार्मिक ध्वज फहराया गया। लाल किले की प्राचीर पर जो गया उसकी तस्वीर किसके साथ है। राकेश टिकैत ने कहा कि यह वैचारिक लड़ाई है। वैचारिक क्रांति है। यह विचार से ही खत्म होगी, लाठी, डंडे से नहीं।