गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में चमोली हादसे पर मंगलवार को बयान दिया। उन्होंने कहा, केंद्र और राज्य की सभी एजेंसियां हालात पर 24 घंटे नजर बनाए हुए हैं। अमित शाह ने कहा कि राहत और बचाव में आईटीबीपी के 450 जवान, एनडीआरएफ की पांच टीमें और भारतीय सेना की 8 टीमें, भारतीय वायुसेना व 5 हेलीकॉप्टर मौके पर तैनात हैं और लापता लोगों की तलाश में मदद कर रहे हैं।
उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन की घटना पर प्रधानमंत्री @narendramodi जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 24×7 उच्चतम स्तर पर निगरानी कर रही है।
गृह मंत्रालय के दोनों कंट्रोल रूम द्वारा स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है और राज्य को हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। pic.twitter.com/9Ue0YOFTJ2
— Amit Shah (@AmitShah) February 9, 2021
अमित शाह ने कहा कि 7 फरवरी को सुबह 10 बजे चमोली में स्थित अलकनंदा नदी हिमस्खलन की घटना घटी, जिसके कारण नदी के जल स्तर में अचानक काफी वृद्धि हो गई, जिसकी वजह से अचानक बाढ़ आ गई और यहां जल विद्युत परियोजना पूरी तरह से बह गई और तपोवन में एनटीपीसी की परियोजना को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने की वजह से आई तबाही में दर्जनों लोगों की जान चली गई है और 100 अधिक लोग अभी भी लापता है। लापता लोगों की तलाश करने के लिए तमाम राहत और बचाव की टीमें तैनात हैं और लगातार इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए काम कर रही हैं। आंकड़ों के अनुसार 30 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 9 राज्यों के 197 लोग लापता हैं।
एनटीपीसी परियोजना के 12 व्यक्तियों को एक सुरंग से सुरक्षित बचा लिया गया है। तुलसी परियोजना के 14 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। टनल में तकरीबन 35 लोग फंसे हैं, जिन्हें बचाने के लिए अभियान जारी है। लापता व्यक्तियों को ढूंढने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
जान गंवाने वालों के परिजनों को राज्य सरकार ने 4लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा था कि एनटीपीसी परियोजना में मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।