चाइना और अमेरिका की शुरू से ही खटपट रही है। ड्रैगन ने अब अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि वह उसे कुचलने की तैकत रखता है। दरअसल, अमेरिकी सीनेटर जॉन कॉर्निन ने अपने एक ट्वीट में यह दावा किया है कि आज की तारीख (17 जुलाई 2021) में ताइवान में 30 हजार और साउथ कोरिया में 28 हजार अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। यह सुनकर चीन भड़क गया।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की भोंपू कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स अखबार ने अपने एक संपादकीय में यह लिखा है कि अगर ऐसा है तो चीनी सरकार और चीनी जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। 'ताइवान में अमेरिकी सैनिकों के होने से उन समझौतों का गंभीर उल्लंघन होता है जब चीन औऱ अमेरिका ने अपने बीच डिप्लोमैटिक संबंध स्थापित किए ते। यह गंभीर तौर पर अंतर्राष्ट्रीय कानून के साथ ही अमेरिकी घरेलू कानून के उलट है। यह एक तरह से ताइवान पर सैन्य आक्रमण और कब्जे के बराबर है। यह एक तरह से चीन से युद्ध की घोषणा करना है।'
इसके आगे अखबार ने लिखा कि, हमें पता चला है कि जॉन कॉर्निन ने ताइवान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या को गलत समझा है। ताइवान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या 1969 तक 30 हजार पहुंची थी। टाइम्स से बात करते हुए एक एनालिस्ट ने कहा है कि कॉर्निन का ट्वीट चीन को टेस्ट करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है। अगर ऐसा भी है तो भी यह हमारे लिए अस्वीकार्य है। इसके बाद चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कॉर्निन के ट्वीट पर अमेरिकी और ताइवान सरकार से तत्काल स्पष्टीकरण की मांग की है।
कहा है कि ताइवान में अगर वाकई में 30 हजार या उससे कम अमेरिकी सैनिक भी हैं तो यह बहुत गंभीर स्थिति है। अमेरिकी सैनिकों को बिना शर्त ताइवान छोड़ देना चाहिए। और इसके लिए अमेरिकी और ताइवानी अधिकारियों को चीन से मांफी मांगनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो ताइवान में एक ऑलआउट युद्ध होगा और चीनी सेना अमेरिकी सेना का सफाया कर देगी और इसी के साथ ताइवान के सवाल को हमेशा के लिए सुलझा देगी।
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि, ताइवान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी एक रेड लाइन है जिसे पार नहीं किया जा सकता है। चीन सरकार और पीपल्स लिबरेशन आर्मी चीन की संप्रभुता के लिए काम करेगी और चीन के क्षेत्र का उल्लंघन करने वाले किसी भी विदेशी ताकत को पूरी तरह से कुचल देगी।