केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच बातचीत पर कहा है कि किसानों के प्रावधान पर अगर कोई भी किसान संगठन आधी रात को भी बात करना चाहता है तो सरकार उसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान कानून वापस लेने की बात को छोड़ अगर किसान संगठन किसान कानूनों के एक्ट पर बात करना चाहते हैं तो सरकार उसके लिए तैयार है।
इससे पहले भी कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार विरोध कर रहे किसानों के सात बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने किसान संगठनों से तीनों कृषि कानूनों के प्रावधानों में कहां आपत्ति है ठोस तर्क के साथ अपनी बात बताने को कहा था।
भारत सरकार नए कृषि कानूनों से संबंधित प्रावधानों पर किसी भी किसान संगठन से और कभी भी बात करने को तैयार है…
हम उनका स्वागत करते हैं… pic.twitter.com/gv1FF9zU8i— Narendra Singh Tomar (@nstomar) June 18, 2021
बता दें कि सरकार और यूनियनों ने गतिरोध खत्म करने और किसानों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए 11 दौर की बातचीत की है, जिसमें आखिरी वार्ता 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी को किसानों के विरोध प्रदर्शन में एक ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा के बाद बातचीत रुक गई थी।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में 6 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए आंदोलनकारियों को आशंका है कि नए कृषि कानूनों के अमल में आने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की सरकारी खरीद समाप्त हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा रखी है और समाधान खोजने के लिए एक समिति का गठन किया है।
वहीं, अब प्रदर्शन स्थलों से जिस तरह से अपराधों के मामले सामने आए हैं उससे यही जाहिर होता है कि आंदोलन में किसान कम और अपराधी ज्यादा हैं। इस प्रदर्शन में किसानों के नाम को बदनाम किया जा रहा है। हाल ही में पश्चिम बंगाल से आई महिला के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था, जिसमें आम आदमी पार्टी का नेता अमित मलिक ने 6 लोगों के साथ मिलकर महिला के साथ दुष्कर्म किया था। और अब यहां पर एक व्यक्ति को शराब पिलाने के बाद उसपर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया गया है। ऐसे में किसानों के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।