भारत में गाय को देवी मां का दर्जा प्राप्त है, गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का निवास माना गया है। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गायों की विशेष पूजा की जाती है, गाय का दूध, गोबर और मूत्र को बहुत पवित्र माना गया है। पूजा-पाठ में भी इन्हीं से शुभारंभ किया जाता है। ऐसे में गो हत्या करना पाप है, गो हत्या तो दूर गाय को किसी भी रूप में सताना घोर पापा माना गया है। आधुनिकता के जमाने में लोग यह भूल गए कि जिस गाय को हिंदू धर्म में 'गौय माता' कह कर पुकारा जाता है उसी की बली चढ़ाई जा रही है। 'गौरक्षा' के लिए अब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कानून बनाए जाने की बात कही है, जो हिंदूओं के लिए किसी गर्व से कम नहीं है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने विधानसभा सत्र के आखिरी दिन सोमवार को कहा कि राज्य में गायों की सुरक्षा के लिए संविधान के दायरे में सरकार हर तरह की कार्रवाई करेगी। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि जहां पर गाय की पूजा होती है वहां पर बीफ नहीं खाया जाए। उन्होंने कहा कि, गाय हमारी माता है, हम पश्चिम बंगाल से गायों की तस्करी नहीं होने देंगे। जिन स्थानों पर गायों की पूजा की जाती है, गोमांस का सेवन नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसका मतलब ये कतई नहीं है कि सबको अपनी आदतें तुरंत बदलनी होंगी। फैंसी बाजार, शांतिपुर या गांधीबस्ती (सभी गुवहाटी में) जैसे इलाकों में मदीना होटल (जहां बीफ मिलता है) की जरूरत नहीं है। क्योंकि यहां के लोग इसे लेकर संवेदनशील है।
हमारा संविधान गोहत्या के खिलाफ है
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई बार लखनऊ के दारुल उलूम का बयान देखा है कि जिन जगहों पर हिंदू रहते हैं, वहां बीफ नहीं खाना चाहिए। जिन इलाकों में इस तरह की संवेदनशीलता नहीं है वहां बदलाव की जरुरत नहीं है। असम मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारा संविधान भी गोहत्या के खिलाफ है। संविधान तहत बनाए गए राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के मुताबिक गोहत्या को रोका जाना चाहिए। राज्य में गायों के अवैध व्यापार को भी रोका जाएगा। भारतीय संविधान कहता है कि गायों को नहीं मारा जाना चाहिए, यह हमारे नीति निर्देशक तत्वों में है।
असम मुख्यमंत्री को इसपर दूसरे बीजेपी विधायकों का भी समर्थन मिला। बीजेपी विधायक मृणाल सैकिया ने कहा कि गायों के साथ हमारे धार्मिक संबंध हैं, उन्हें हिंदू बहुल इलाकों में काटने पर रोक लगना चाहिए। बताते चलें कि, पिछले शनिवार को अपने अभिभाषण में राज्यपाल जगदीश मुखी ने कहा था कि असम सरकार गौ सुरक्षा बिल लाने पर विचार कर रही है, जो अगले विधानसभा सत्र में पारित किया जाएगा