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हिंदी दिवस पर अमित शाह के एक मैसेज से लालफीता शाहों के कान खड़े

हिंदी दिवस पर अमित शाह के एक मैसेज से लालफीता शाहों के कान खड़े

गृहमंत्री अमित शाह से एक वीडियो मैसेज  से लाल फीताशाहों के कान खड़े हो गये हैं। अमित शाह ने कहा है कि सरकारी कामकाज में हिंदी सिर्फ अनुवाद की भाषा न रहे बल्कि सरकारी कामकाज मूल रूप से हिंदी में होना चाहिए। हिंदी दिवस के अवसर पर अमित शाह ने कहा सभी देशवासियों को हिंदी का अधिकाधिक उपयोग करना चाहिए। ताकि हिंदी का संरक्षण हो तथा हिंदी की उपादेयता और सर्वग्राह्यता बढ़े । उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों की अविरल धारा, मुख्य रूप से हिंदी भाषा से ही जीवन्त तथा सुरक्षित रह पाई है।

गृहमंत्री ने सरकारी कामकाज को अनुवाद की अपेक्षा मूल रूप से हिंदी में करने पर जोर दिया। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज भारत एक संसाधन-संपन्न शक्तिशाली देश के रूप में उभर रहा है और इसमें देश की समृद्ध भाषा हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है।

वैश्विक मंचों पर प्रधानमंत्री द्वारा हिंदी में दिए गए भाषणों से, हिंदी का वैश्विक कद मजबूत हुआ है और हिंदी प्रेमियों को प्रेरणा भी मिल रही है। गृह मंत्री ने कहा कि हिंदी की सबसे बड़ी शक्ति इसकी वैज्ञानिकता, मौलिकता, सरलता, सुबोधता और स्वीकार्यता है। हिंदी भाषा की विशेषता है कि इसमें जो बोला जाता है, वही लिखा जाता है।

मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति से अन्य भारतीय भाषाओं व हिंदी का समानांतर विकास होगा। प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के अभियान को आगे बढ़ाते हुए, राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी के लिए ई-टूल्स सु²ढ़ करने का काम किया जा रहा है।

हिंदी भाषा और बाकी सारी भारतीय भाषाओं ने मिलकर भारत की सांस्कृतिक विविधता को आगे ले जाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

हिंदी की प्रतिस्पर्धा कभी भी स्थानीय भाषा से नहीं रही, यह पूरे भारत के जनमानस में ज्यादा स्पष्ट होने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि हम प्रतिज्ञा लें कि हिंदी की उन्नति व प्रगति की यात्रा पूरे समर्पण के साथ आगे बढ़ाते हुए, हम सब मिलकर राजभाषा हिंदी को सभी स्थानीय भाषाओं के साथ में रखते हुए, हिंदी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे।.