Hindi News

indianarrative

ममता के चहेते अलपन बंदोपाध्याय को चुकानी होगी बड़ी कीमत! नरमी के मूड में नहीं है केंद्र सरकार, ऐक्शन की तैयारी

अलपन बंदोपाध्याय

बंगाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार कमने का नाम नहीं ले रही है। पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होने वाले पूर्व मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय को लेकर सियासी तूफान जारी है। पूर्व सचिव अलपन बंदोपाध्याय की ओर से जवाब आने के बाद अब केंद्र आगे की कार्रवाई के मूड में है। सूत्रों के अनुसार, अलपन बंदोपाध्याय के विरुद्ध क्या ऐक्शन लिया जाएगा, इस पर जल्द ही फैसला होगा।

सरकार के उच्च सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'अलपन बंदोपाध्याय का जवाब (गुरुवार) देर रात प्राप्त हुआ है और इसका परीक्षण किया जा रहा है। आगे का ऐक्शन जल्द ही तय किया जाएगा।' साफ है कि पूर्व सचिव के मामले में केंद्र नरमी बरतने के मूड में नहीं है। पश्चिम बंगाल मुख्यमंत्री के नवनियुक्त मुख्य सलाहकार अलपन बंदोपाध्याय को केंद्र ने आपदा प्रबंधन ऐक्ट 2005 के तहत कारण बताओ नोटिस भेजा था।

दरअसल, पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलापन बद्योपाध्याय ने गुरुवार को केंद्र सरकार के नोटिस का जवाब दे दिया और कहा था कि वह ममता बनर्जी के कहने पर चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए थे। उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी नोटिस में 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चक्रवात संबंधी समीक्षा बैठक से उनकी अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस मामले में अपना जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय को गुरुवार को भेज दिया, जो कि जवाब भेजने का आखिरी दिन था।

सूत्रों ने बताया कि बंद्योपाध्याय का स्थान लेने वाले मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने जवाब लिखा है। हालांकि इसकी सामग्री के बारे में जानकारी नहीं मिली है। सूत्रों ने बताया कि बंदोपाध्याय ने अपने जवाब में कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर वह चक्रवात यास से बुरी तरह प्रभावित दीघा का जायजा लेने की वजह से उस बैठक में शामिल नहीं हुए।  दीघा पूर्व मेदिनीपुर जिले का एक लोकप्रिय समुद्री रिसॉर्ट शहर है।

बंदोपाध्याय 31 मई को मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन कोविड महामारी के दौरान उनकी अहम भूमिका को लेकर राज्य ने हाल ही में उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी और उसे यह अनुमति मिल गई थी।