वित्त मंत्री निर्मला सितारमण की अध्यक्षता में आज लखनऊ में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के प्रस्ताव का विरोध किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि, यह मुद्दा केरल हाई कोर्ट के ऑर्डर पर बैठक के एजेंडे में आया। जीएसटी के सदस्यों ने इसका विरोध किया। काउंसिल ने माना कि यह पेट्रोलियम उत्पादों की जीएसटी में लाने का सही समय नहीं है।
इस बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने के मद्दे पर चर्चा हुई। वित्त मंत्री ने कहा कि, कई राज्यों ने कहा कि, वे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी में नहीं लाना चाहते हैं। यह तय हुआ है कि काउंसिल को यह बात केरल हाई कोर्ट को बतानी चाहिए कि इस मामले पर चर्चा हुई है। काउंसिल ने मसहूस किया कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने का यह सही समय नहीं है।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, काउंसिल ने कोरोना महामारी की दवाओं पर GST छूट 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी है। हालांकि, मेडिकल इक्विपमेंट्स पर कोई छूट नहीं है। Amphotericin B और Tocilizumab पर 31 दिसंबर तक कोई जीएसटी नहीं लगेगी। काउंसिल ने साथ ही Zolgensma और Viltepso को जीएसटी में छूट देने का फैसला किया है। ये बहुत खास दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। मस्कुलर एट्रॉफी के इलाज में काम आने वाली दवाओं को भी आईजीएसटी में छूट देने का फैसला किया गया है। यह छूट पर्सनल यूज के लिए आयात की जाने वाली दवाओं पर मिलेगी। कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% की गई है।
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इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि, लीज पर लेने के लिए विमानों के आयात पर आईजीएसटी नहीं मिलेगी। इसके साथ ही रेलवे पार्ट और लोकोमोटिव्स पर GST की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का काउंसिल ने फैसला किया है। बायोडीजल पर GST की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। गुड्स कैरीज के लिए राज्यों द्वारा ली जाने वाली नैशनल परमिट फीस में जीएसटी काउंसिल ने छूट दिया है। जोमैटो और स्विगी जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा।