आस्था के महापर्व कुंभ (Kumbh Mela) की शुरुआत 1 अप्रैल से हरिद्वार में हो गई है। कुंभ का मेला 30 अप्रैल तक जारी रहेगा। कुंभ में आने से पहले श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। कोरोना गाइडलाइंस के तहत निगेटिव रिपोर्ट वाले श्रद्धालुओं को ही एंट्री दी जा रही है। इसके लिए सीमा पर पुलिस की तैनाती की गई है। उत्तराखंड सरकार ने लोगों की जांच के लिए बॉर्डर पर कोरोना टेस्टिंग कियोस्क भी बनाए हैं। बाहर से आने वाले लोगों का यहां टेस्ट किया जा रहा है।
भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में बारी-बारी इसका आयोजन किया जाता है। हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार हरिद्वार में यह 12 साल की बजाय 11वें साल में आयोजित हुआ है। ऐसा पहली बार हुआ है जब कुंभ मेला इस बार 12 साल की बजाय 11वें साल में आयोजित हुआ है (Kumbh Mela in 11th Year)। पहले कुंभ मेला 2022 में आयोजित होने वाला था। लेकिन ग्रह चाल के कारण यह संयोग एक साल पहले ही बन गया इसलिए हरिद्वार कुंभ 2021 (Haridwar Kumbh) में ही हो रहा है। 83 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है जब कुंभ मेला 11वें साल में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले इस तरह की घटना साल 1938 में हुई थी।
इस वर्ष भी कुंभ मेले के दौरान पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए लाखों भक्त इकट्ठे हो सकते हैं। हालांकि महामारी से निपटने के लिए सरकार ने सख्त गाइडलाइ भी जारी की हैं। कुंभ में इस बार 4 शाही स्नान होंगे और इसमें 13 अखाड़े भाग लेंगे। इन अखाड़ों से झांकी निकाली जाएंगी। इस झांकी में सबसे आगे नागा बाबा होंगे और महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर नागा बाबाओं का अनुसरण करेंगे।
कुंभ में शाही स्नान की तारीख
पहला शाही स्नान- 11 मार्च 2021 महाशिवरात्रि के मौके पर जो संपन्न हो चुका है
दूसरा शाही स्नान- 12 अप्रैल 2021 सोमवती अमावस्या के मौके पर
तीसरा शाही स्नान- 14 अप्रैल 2021 मेष संक्रांति और बैसाखी के मौके पर
चौथा और आखिरी शाही स्नान- 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर