अभी बीते छह दिसंबर की बात है। कई सिरफिरों ने हिंदु-मुस्लिम भावनाएं भड़काने की कोशिश की थीं। समझदार हो चुके लोगों ने इन कोशिशों को नाकाम कर दिया। देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाकर रखने वाले भी कम नहीं हैं। चाहे फिर वो उत्तर भारत हो या फिर दक्षिण भारत। इस बार सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिशाल पेश की बेंगलुरू के एचएमजी बाशा ने।
<img class="wp-image-20894 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/12/HMG-BASHA-Hanuman-Temple.jpg" alt="HMG BASHA Hanuman Temple" width="1280" height="850" /> ये हैं हिंदुस्तान के हीरो एचएमजी बाशा! पांच वक्त के नमाजी बाशा ने हनुमानजी के मंदिर को दे दी करोड़ों की जमीनएचएमजी बाशा पांच वक्त के पक्के नमाजी हैं। दीन धर्म में उनका विश्वास है। उनकी पुश्तैनी जमीन लगा एक छोटा पुराना हनुमान मंदिर है। बगल में किसी मुसलमान की जमीन होने से मंदिर के जीर्णोद्धार में बाधा थी। संकोच और 'सांप्रदायिकता' के भय से मंदिर के व्यवस्थापक एचएमजी बाशा से अपनी व्यथा नहीं कह पा रहे थे, लेकिन जब एचएमजी बाशा को यह जानकारी हुई तो वो खुद आगे आए और एक दो बीघा नहीं पूरी 3 एकड़ जमीन हनुमान जी के नाम कर दी। ।
एचएमजी बाशा ने जो जमीन हनुमान मंदिर के नाम की है वो बेंगलुरु के ओल्ड मद्रास रोड पर है। कहा जाता है कि यह इलाका बहुत पॉश है। जमीन की लोकेशन भी मेन रोड पर है। इसके कारण इसकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। एचएमजी बाशा की दानवीरता देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। उनकी तारीफों के लिए मंदिर में और बाहर होर्डिंग, पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। बेंग्लुरु ही नहीं अब तक तो एचएमजी पाशा पूरे हिंदुस्तान के हीरो बन चुके हैं।
.