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अब कांग्रेस की तरफ़ से भी हिंदू राष्ट्र की जाप

छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायक अनीता शर्मा

प्रमोद कुमार

रायपुर : भूपेश बघेल सरकार द्वारा नरम हिंदुत्ववादी रुख़ अपनाने के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की विधायक अनीता शर्मा ने ‘हिंदू राष्ट्र’ के निर्माण में एकजुटता का आह्वान किया है। उन्होंने इस दृष्टि को साकार करने के लिए लोगों से हाथ मिलाने का आह्वान किया।

राज्य की राजधानी के पास स्थित धारवीवा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली कांग्रेस विधायक ने शुक्रवार को पुरी के शंकराचार्य, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती की जयंती के उपलक्ष्य में एक सभा के दौरान अपना भाषण दिया।

शर्मा ने हिंदू राष्ट्र की स्थापना में एकता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इस उद्देश्य के लिए सभी हिंदुओं को एकजुट हो जाना चाहिए। उनके बयान की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सप्ताहांत में वायरल हो गयी। स्थानीय छत्तीसगढ़ी बोली में बोलते हुए उन्होंने कहा, “देश के हर कोने में हमें हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ लेनी चाहिए…हमें हिंदुओं की चिंताओं को आवाज़ देनी चाहिए, और यह तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब सभी हिंदू सेना में शामिल हों।”

पहली बार कांग्रेस विधायक बनी अनीता शर्मा ने नवंबर, 2018 के चुनाव में जीत हासिल की थी। वह कांग्रेस के दिवंगत नेता योगेंद्र शर्मा की विधवा हैं, जो मई 2013 में बस्तर में एक घातक माओवादी हमले में शहीद हो गए थे। हिंदू राष्ट्र को लेकर कांग्रेस विधायक का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस हलकों में अटकलें लगायी जा रही हैं कि पार्टी इस साल नवंबर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उनका नामांकन नहीं करने पर विचार कर सकती है।

हालांकि, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने उनके इस बयान को निजी राय बताते हुए इस पर ध्यान नहीं देने की कोशिश की। लेकिन,पार्टी की प्रतिक्रिया के बाद कांग्रेस विधायक ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके बयान का यह कहते हुए “ग़लत अर्थ निकाला गया” है कि वह देश में लोगों की एकता के बारे में बोलना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “मैं सभी लोगों की एकता के बारे में बात कर रही थी। मेरे लिए, हिंदू राष्ट्र की अवधारणा सभी धर्मों की एकता का प्रतिनिधित्व करती है।” उन्होंने आगे कहा कि उनके बयान का राजनीतिकरण करने की कोशिश की जा रही है।

भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार सत्ता में आने के बाद से ही “नरम-हिंदुत्व” दृष्टिकोण अपना रही है। इस दृष्टिकोण में मंदिरों का जीर्णोद्धार, राम गमन पथ को बढ़ावा देना और गायों से जुड़ी योजनाओं और परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।