Hindi News

indianarrative

हिमाचल में कांग्रेसी मंत्री ने पार्टी को दिया बड़ा झटका,UCC का किया समर्थन

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह

आशुतोष कुमार

शिमला: हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण और खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह, जो राज्य के छह बार रह चुके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं, उन्होंने भारत में समान नागरिक संहिता (UCC) के कार्यान्वयन पर देश की सत्तारूढ़ भाजपा और एनडीए का खुलकर समर्थन किया है।

युवा कैबिनेट मंत्री ने शुक्रवार को देश में यूसीसी की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और इस तरह एक ऐसे मुद्दे पर कड़ा रुख़ अपनाया, जिसके लिए उनकी पार्टी ने अभी तक अपना रुख़ पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया है।

फ़ेसबुक पर कांग्रेस नेता ने हिंदी में लिखा, ”मैं उस समान नागरिक संहिता का पूरा समर्थन करता हूं, जो भारत की एकता और अखंडता के लिए ज़रूरी है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।”

हालांकि, इसके साथ ही सिंह ने कहा कि भाजपा को लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।

सिंह ने आश्चर्य जताया कि केंद्र की एनडीए सरकार ने ऐसा क़ानून पहले ही क्यों नहीं लागू किया, जबकि उसके पास नौ साल तक संसद में पूर्ण बहुमत था। उन्होंने कहा, “चुनाव से कुछ महीने पहले ही इस पर प्रचार क्यों किया जा रहा है। पिछले नौ वर्षों में एनडीए सरकार को देश में यूसीसी लागू करने से किसने रोका।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में भोपाल भाषण में यूसीसी – सभी धर्मों के लोगों के लिए विवाह, तलाक और विरासत पर एक सामान्य कानून – के लिए एक मज़बूत वकालत की थी।

जैसे ही सिंह का यह सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हुआ, वैसे ही कांग्रेस के भीतर खलबली मच गयी,लेकिन पार्टी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रतिक्रिया नहीं देने का फ़ैसला किया है।

विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह मंडी से मौजूदा सांसद और पीसीसी अध्यक्ष भी हैं।

वह 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री पद की दावेदारों में से एक थीं और उन्होंने अपने दिवंगत पति वीरभद्र सिंह की विरासत का हवाला देते हुए खुले तौर पर अपना दावा पेश किया था, जिनके नाम पर राज्य में चुनाव लड़ा गया था।

कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद के लिए उनके दावे को खारिज कर दिया था और इसके बजाय सुखविंदर सिंह सुक्खू को चुना था, जिन्हें अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त था। 68 सदस्यीय सदन में कांग्रेस ने 40 सीटें जीती थीं।

शनिवार को जब मीडियाकर्मियों ने लोक निर्माण मंत्री से उनकी टिप्पणियों के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने अपनी टिप्पणियों पर क़ायम रहना पसंद किया।

उन्होंने कहा,“जब भी समान नागरिक संहिता पर विधेयक लाया जायेगा, हम इसका समर्थन करेंगे। कांग्रेस पार्टी देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है और कांग्रेस द्वारा इसे पूरा समर्थन दिया जायेगा।”

फिर भी उन्होंने छुपे तौर पर एनडीए पर ‘बेरोज़गारी और गिरती विकास दर जैसे मुख्य मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने और यह जानते हुए कि चुनाव नज़दीक हैं, यूसीसी पर ज़ोर देने’ का आरोप लगाया।

यूसीसी मुद्दे से पहले विक्रमादित्य सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, पुलवामा आतंकी हमले और धारा 370 को ख़त्म करने पर खुलकर बोला/लिखा था।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश की उधार लेने की क्षमता कम करने की केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक की कार्रवाई पर चुप्पी साधने के लिए राज्य के भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधा।

पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत चंडीगढ़ में हिमाचल की हिस्सेदारी से संबंधित एक प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस मामले को आगे बढ़ाती रहेगी और इसके विभिन्न पहलुओं और इसे कैसे रखा जाए, इस पर ग़ौर करने के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया गया है। यदि आवश्यक हो, तो मामला दर्ज किया जायेगा और क़ानूनी कार्रवाई का पता लगाया जायेगा।